सतर्क भारत, समृद्ध भारत पर लेख हिंदी में

जो पृथ्वी को मां  मानती हो, वह संस्कृति, वो मातृभूमि जब आत्मनिर्भर बनती है, तब उससे एक समृद्ध विश्व की संभावना भी सुनिश्चित होती है ।

कहने और सुनने में कितना आसान लगता है कि सतर्कता अति आवश्यक है । पर ना जाने कितने लोगों की लापरवाही, भ्रष्टाचार की कीमत सिर्फ उनको ही नहीं बल्कि पूरे देश को भुगतनी पड़ सकती है । लापरवाही क्यों और किसके लिए ? ऐसे बहुत से सवाल उठ खड़े होने स्वाभाविक भी हैं । लेकिन जो समाज में जागृति लोग हैं उनका आक्रोश इसलिए है क्योंकि हम चुपचाप लापरवाह एवं भ्रष्टाचारियों के चंगुल में फंसकर स्वयं पर अन्याय को सहते हैं । 

” हर संकट से बचने को सतर्कता बहुत जरूरी है

कोरोना के काल में भी यह विचार जरूरी है

सतर्क रहें, सुरक्षित रहें, यह बात हर क्षेत्र में पूरी है ।” 

अपने देश भारत में फैल रही बुराइयाँ अपना शिकंजा कसती जा रही है। जिसका एकमात्र निवारण सतर्कता है । सतर्कता का अर्थ विशेष रूप से कर्मियों एवं संस्थानों की दक्षता एवं प्रभावशीलता की प्राप्ति के लिए स्वच्छ तथा त्वरित प्रशासनिक कार्रवाई सुनिश्चित करना है । इसी के तहत हर वर्ष अक्टूबर के अक्टूबर के अंतिम सप्ताह को सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्म दिवस पर सतर्कता जागरूकता सप्ताह के रूप में मनाते हैं ।

इस वर्ष 2020 में केंद्रीय सतर्कता आयोग का मुख्य विषय ” सतर्क भारत, समृद्ध भारत ” है । इसका अर्थ – जितना भारत अपने अधिकारों के लिए सतर्क रहेगा, उतना ही भारत समृद्ध बनेगा । “वास्तविक शक्ति तो हर एक नागरिक में विद्यमान है, साथ ही हमें वैचारिक परिवर्तन करने की विशेष आवश्यकता है क्योंकि अगर विचारों को शुद्ध कर दिया गया तो कोई ताकत नहीं जो हमें लालच का भागीदार बना सके ।हमारे जीवन में सतर्कता प्रत्येक पड़ाव पर आवश्यक है ।

जिस प्रकार हमारे देश में कोरोना महामारी जैसी विपदा को झेलना पड़ा । इस विपदा के कारण अनेक लोगों के घर बर्बाद हो चुके हैं, अनेक लोगों की जान संकट में है, अर्थव्यवस्था की रीढ़ इस प्रकार टूट चुकी है कि उसे शायद पुनरावस्था की स्थिति में लाने में सालों लग जाए । एक उदाहरण सतर्कता के लिए सजग रहने वालों के लिए है – न्यूजीलैंड एक ऐसा देश है जहां कोरोना वायरस का बहुत ज्यादा प्रकोप ना हुआ, इसका एक ही कारण सतर्कता की जागरूकता ।

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एक प्रश्न मन में यह अभी आता है सतर्कता चाहिए किससे ? सतर्कता हमें अपने विचारों, मन की दुविधाओ, अश्लील विचारों आदि से चाहिए । हमें अपने विचारों में सतर्क होने की आवश्यकता इसलिए है कि हमारे मन में बहुत से अच्छे-बुरे विचार आते हैं, उन्हें छान कर हमें सिर्फ अच्छे विचारों का अनुसरण करना है । सतर्कता हमें चाहिए उन हैवानो से, जो अपना भयावह चरित्र लेकर इस दुनिया में विद्यमान हैं और ” हाथरस ” जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे ।

 हमें चाहिए कि हम अपनी सतर्कता का ध्यान स्वयं रखें । सरकार द्वारा अनेक ” सतर्कता अभियान ” चलाए जा रहे हैं जो सफल भी हो रहे हैं ।

“सतर्कता कोई रूप नहीं, यह तो हमारा अधिकार है, हम माटी के पुतले नहीं, समृद्धि हमारी पहचान है ।”

आज आपने क्या सीखा

दोस्तों मुझे आशा है कि आपको हमारा Essay सतर्क भारत समृद्ध भारत के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी इसके लिए आपको और कहीं जाने की जरूरत नहीं है|

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