Input Device क्या है और इसके कितने प्रकार है?

आज हम लोग Input Device के बारे में जानेगे | जिसमें हम लोग जानेगे की इनपुट डिवाइस (Input Device) क्या है और इसके कितने प्रकार है? (What is Input Devices in Hindi) यह एक ऐसा topic है जब भी Computer की बात आती है तो ये सवाल जरूर आता है की वह कौन सी Device है जिसकी मदद से हम computer में Data को Input कर सकते है |

Computer और Human के बीच Communication स्थापित करने के लिए Input-Output Devices का प्रयोग किया जाता है। Input Device का प्रयोग Computer को Data और Instruction प्रदान करने के लिए किया जाता है। Input Data को Process करने के बाद, Computer Output Devices के द्वारा प्रयोगकर्ता को Output प्रदान करता है। Computer Machine से जुडी हुई सभी Input-Output Devices को Peripheral devices भी कहते हैं। 

Input Device क्या है? (What is Input Device)

वे Devices, जिनका प्रयोग User के द्वारा Computer को Data और Instruction देने के लिए प्रयोग किया जाता है, Input Devices कहलाती हैं। Input Devices User से Input लेने के बाद इसे Machine Language में परिवर्तित करती हैं और इस परिवर्तित Machine Language को CPU के पास भेज देती हैं।

इनपुट डिवाइस के उदाहरण (Computer Input Devices)

KeyboardMouseJoy Stick
Track BallScannerGraphic Tablet
Magnetic Ink Character Recognition (MICR)Light PenBar Code Reader
Optical Character Recognition (OCR)MicrophoneWeb Cam

इनपुट डिवाइस के प्रकार (Types of Input Devices)

1. Keyboard क्या है

Keyboard एक प्रकार की मुख्य इनपुट डिवाइस है। Keyboard का प्रयोग Computer को अक्षर और अंकीय रूप में Data और Information देने के लिए करते हैं। Keyboard एक सामान्य Type Writer की तरह दिखता है, किन्तु इसमें Type Writer की अपेक्षा कुछ ज्यादा कुंजियाँ (Keys) होती हैं। जब कोई कुंजी Keyboard पर दबाई जाती है तो Keyboard, Keyboard कण्ट्रोलर और Keyboard Buffer से सम्पर्क करता है। 

Keyboard Controller, दबाई गई कुंजी के कोड को Keyboard Buffer में स्टोर करता है और Buffer में स्टोर कोड CPU के पास भेजा जाता है। CPU इस कोड को Process करने के बाद इसे Output Device पर प्रदर्शित करता है। कुछ विभिन्न प्रकार के Keyboard जैसे कि QWERTY, DVORAK और AZERTY मुख्य रूप से प्रयोग किए जाते हैं।

Keyboard में कुंजियों के प्रकार (Types of Keys in Keyboard) 

Keyboard में निम्न प्रकार की कुंजियाँ होती हैं 

(i) Alphanumeric Keys: इसके अन्तर्गत अक्षर कुंजियाँ (A, B… a, b, c…… ) और अंकीय कुंजियाँ (0. 1, 2,..9) आती हैं। 

(ii) Numeric Keys: ये कुंजियों Keyboard पर दाएँ तरफ होती हैं। ये कुंजियाँ अंको (0, 1,2, 9) और गणितीय ऑपरेटरों (Mathematical operators) से मिलकर बनी होती है। 

(iii) Function Keys: इन्हें Programmable Key भी कहते हैं। इनके द्वारा Computer से कुछ Important कार्य करवाने के लिए Instruction दिया जाता है। ये कुंजियाँ अक्षरांकीय कुंजियों के ऊपर F1, F2,F12 से प्रदर्शित की जाती हैं। 

(iv) Cursor Control Keys: इसके अन्तर्गत चार तीर के निशान वाली कुंजियाँ आती हैं जो चार दिशाओं (दाएँ, आएँ, ऊपर, नीचे) को दर्शाती हैं। ये कुंजियाँ अक्षरांकीय कुंजियों और अंकीय कुंजियों के मध्य उल्टे आकार में व्यवस्थित होती हैं, इनका प्रयोग Cursor को ऊपर, नीचे, दाएँ या बाएँ ले जाने के लिए करते हैं। इन चारों कुंजियों के अतिरिक्त चार कुंजियाँ और होती हैं, जिनका प्रयोग Cursor को कण्ट्रोल करने के लिए करते हैं। ये कुंजियाँ निम्न हैं :

(a) होम (Home): इसका प्रयोग लाइन के प्रारम्भ में या Document के प्रारम्भ में Cursor को वापस भेजने के लिए करते हैं। 

(b) एण्ड (End): इसका प्रयोग Cursor को लाइन के अन्त में भेजने के लिए करते हैं। 

(c) पेज अप (Page Up): जब इस कुंजी को दबाया जाता है तो पेज का व्यू (View) एक पेज ऊपर हो जाता है और Cursor पिछले पेज पर चला जाता है। 

(d) पेज डाउन (Page Down): जब ये कुंजी दबाई जाती है तो पेज का व्यू एक पेज नीचे हो जाता है और Cursor अगले पेज पर चला जाता है। 

Keyboard की अन्य कुंजियाँ 

कुछ अन्य कुंजियाँ निम्नलिखित हैं:

Control Keys-Ctrl: ये कुंजियाँ, अन्य कुंजियों के साथ मिलकर किसी विशेष कार्य को करने के लिए प्रयोग की जाती हैं। जैसे Ctrl + S Document को सुरक्षित करने के लिए प्रयोग होती हैं।

Enter Key: इसे Keyboard की मुख्य कुंजी भी कहते हैं। इसका प्रयोग उपयोगकर्ता द्वारा टाइप किए गए Instruction को Computer को भेजने के लिए किया जाता है। एण्टर कुंजी टाइप करने के बाद Instruction Computer के पास जाता है और Instruction के अनुसार Computer आगे का कार्य करता है। 

Shift Keys: Keyboard में कुछ कुंजी ऐसी होती हैं, जिनमें ऊपर-नीचे दो संकेत छपे होते हैं। उनमें से ऊपर के संकेत को टाइप करने के लिए उसे शिफ्ट कुंजी के साथ दबाते हैं। इसे Combination Key भी कहा जाता है। 

Escape Key: इसका प्रयोग किसी भी कार्य को समाप्त करने या बीच में रोकने के लिए करते हैं। यदि Ctrl Key दबाए हुए, Escape Key दबाते हैं तो यह Start Menu को खोलता है। 

Back Space Keys: इसका प्रयोग टाइप किए गए Data या Information को समाप्त करने के लिए करते हैं। यह Data को दाएँ से बाएँ दिशा की ओर समाप्त करता है। 

Delete Keys: इस कुंजी का प्रयोग Computer की मेमोरी Information और स्क्रीन से अक्षर को समाप्त करने के लिए करते हैं। किन्तु यदि इसे Shift Key के साथ दबाते हैं तो चुनी हुई File Computer कीMemory से स्थायी रूप से समाप्त हो जाती हैं। 

Caps Lock Key: इसका प्रयोग वर्णमाला (Alphabet) को बड़े अक्षरों (Capital letters) में टाइप करने के लिए करते हैं। जब ये की सक्रिय (Enable) होती है तो बड़े अक्षर में टाइप होता हैं। यदि यह कुंजी निष्क्रिय (Disable) होती है तो छोटे अक्षर (Small Letter) में टाइप होता है। 

Spacebar Key: इसका प्रयोग दो शब्दों या अक्षरों के बीच स्पेस बनाने या बढ़ाने के लिए किया जाता है। यह Keyboard की | सबसे लम्बी कुंजी होती हैं। 

Num Lock Key: इसका उपयोग Numeric Key pad को सक्रिय या निष्क्रिय करने के लिए किया जाता है। यदि ये कुंजी सक्रिय होती है तो अंक टाइप होता है और यदि ये कुंजी निष्क्रिय होती है तो अंक टाइप नहीं होता है। 

Window Key: इसका प्रयोग Start Menu को खोलने के लिए करते हैं। 

Tab Key: इसका प्रयोग Cursor को एक बार में पाँच स्थान आगे ले जाने के लिए किया जाता है। Cursor को पुन: पाँच स्थान वापस लाने के लिए Tab Key को Shift Key के साथ दवाया जाता है। इसका प्रयोग पैराग्राफ इण्डेट करने के लिए भी किया जाता है। 

> एण्टर कुंजी (Enter Key) ओके बटन (OK Button) दबाने का एक वैकल्पिक (Alternative) तरीका है |
> शिफ्ट कुंजी (Shift Key) इस कुंजी (Key) को दूसरी कुंजियों के साथ प्रयोग किया जाता है, इसलिए इसे संयोजन कुंजी (Combination) भी कहते हैं।
> कैप्स लॉक (Caps Lock) और Num lock को टोगल कुंजी (Toggle Keys) कहते हैं क्योंकि जब ये दबाए जाते हैं तो इनकी अवस्थाएँ (States) परिवर्तित होती रहती हैं। 
> QWERTY Keyboard में कुल 104 कुँजी होती हैं ।

2. Pointing Device क्या है?

Pointing Devices का प्रयोग Monitor के स्क्रीन पर Cursor या Pointer को एक स्थान-से-दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए किया जाता है। कुछ मुख्य रूप से प्रयोग में आने वाली Pointing Devices जैसे- Mouse, Trackball, Joystick, Light Pen और Touch Screen आदि हैं। 

(i) माउस (Mouse) 

माउस एक प्रकार की Pointing Device है। जो की Input Device का बहुत ही महत्वपूर्ण उदाहरण है। Cursor (टेक्स्ट में आपकी पोजिशन दशाने वाला ब्लिकिंग प्वॉइण्ट) या Pointer ले जाने के लिए करते हैं। इसके अतिरिक्त Mouse का प्रयोग Computer में ग्राफिक्स (Graphics) की सहायता से Computer को Instruction देने के लिए करते हैं। 

इसका आविष्कार वर्ष 1963 में स्टैण्डफोर्ड रिसर्च सेण्टर डगलस-सी एंगलबर्ट ने किया था। इसमें सामान्यतः दो या तीन बटन होते हैं। एक बटन को बायाँ बटन (Left Button) और एक बटन को दायाँ बटन (Right Button) कहते हैं। दोनों बटनों के बीच में एक स्क्रॉल व्हील (Wheel) होता है, जिसका प्रयोग किसी फाइल में ऊपर या नीचे के पेज पर Cursor को ले जाने के लिए करते हैं।

माउस सामान्यतः तीन प्रकार के होते हैं।

(a) वायरलेस माउस (Wireless Mouse) 

(b) मैकेनिकल माउस (Mechanical Mouse)

(c) ऑप्टिकल माउस (Optical Mouse) 

माउस के चार प्रमुख कार्य हैं 

(a) क्लिक या लैफ्ट क्लिक (Click or Left Click) यह स्क्रीन पर किसी एक Object को चुनता है। 

(b) Double Click इसका प्रयोग एक Document या प्रोग्राम को खोलने के लिए करते हैं।

(c) Right Click यह स्क्रीन पर आदेशों की एक सूची दिखाता है। दायाँ क्लिक का प्रयोग किसी चुने हुए Object के गुण को एक्सेस (Access) करने के लिए करते हैं। 

(d) Drag and Drop इसका प्रयोग किसी Object को स्क्रीन पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए करते हैं। 

> Computer Security क्या है उसके कारण और उपाय क्या-क्या है ?

> Promissory Note क्या है? What is Promissory Note in Hindi?

(ii)  Trackball

ट्रैकबॉल एक प्रकार की Pointing Trackball Device है जिसे माउस की तरह प्रयोग किया जाता है। इसमें एक बॉल ऊपरी सतह पर होती है। इसका प्रयोग Cursor के मूवमेण्ट (Movement) को कण्ट्रोल करने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग निम्नलिखित कार्यों में किया जाता है। 

(a) CAD वर्कस्टेशनों (Computer Aided Design Workstations)

(b) CAM वर्कस्टेशनों (Computer Aided Manufacturing Workstations) में 

(c) कंप्यूटरीकृत वर्कस्टेशनों (Computerised Worstations) जैसे कि एयर-ट्रैफिक कण्ट्रोल रूम (Air-traffic Control Room), रडार कण्ट्रोल्स (Radar Controls) में 

(d) जहाज पर सोनार तन्त्र (Sonar System) में 

(iii) Joystick 

Joystick एक प्रकार की Pointing Device होती है जो सभी दिशाओं में भूव करती है और Cursor के movement को Control करती है। Joystick का प्रयोग Flight simulator, Computer Joystick CAD/CAM सिस्टम में किया जाता है। इसमें एक Handle लगा होता है, जिसकी सहायता से Cursor के मूवमेण्ट को कण्ट्रोल करते हैं। Joystick और माउस दोनों एक ही तरह से कार्य करते हैं किन्तु दोनों में यह अन्तर है कि Cursor का मूवमेण्ट माउस के मूवमेण्ट पर निर्भर करता है, जबकि Joystick में, Pointer लगातार अपने पिछले Pointing Direction की ओर move करता रहता है और उसे Joystick की सहायता से control किया जाता है।

(iv) Light Pen 

प्रकाशीय कलम एक हाथ से चलाने वाली Electro-optical Pointing Device है, जिसका प्रयोग Drawings बनाने के लिए, ग्राफिक्स बनाने के लिए और मेन्यू चुनाव के लिए करते हैं। पेन में छोटे ट्यूब (Small Tube) के अन्दर एक Photocell होता है।

यह पेन स्क्रीन के पास जाकर प्रकाश को Sense करता है तथा उसके बाद पल्स उत्पन्न करता है। इसका प्रयोग मुख्य रूप से Personal Digital Assistant (PDA) में करते है। इसका प्रयोग स्क्रीन पर किसी विशिष्ट स्थिति (Location) को पहचानने (Identify) के लिए करते हैं। यदि यह स्क्रीन के किसी रिक्त स्थान पर रखा जाता है तो यह किसी भी प्रकार की Information नहीं देता है। 

(v) Touch Screen

Touch Screen एक प्रकार की Input device Touch Screen है जो उपयोगकर्ता से तब Input लेता है जब उपयोगकर्ता अपनी अंगुलियों को Computer स्क्रीन पर रखता है। Touch Screen का प्रयोग सामान्यतः निम्न अनुप्रयोगों (Applications) में किया

(i) ATM में 

(ii) Air-Line Reservation में 

(iii) Bank में 

(iv) Super Market में 

(v) Mobile में 

(vi) Digitizers and Graphic Tablets

Graphic Tablet के पास एक special command होती है जो Drawing, Photo आदि को Digital Signals में परिवर्तित करती है। यह कलाकार (Artist) को हाथ से Image और graphic image बनाने की अनुमति प्रदान करता है।

3. Barcode Reader

यह एक Input युक्ति होती है, जिसका प्रयोग किसी उत्पाद (Product) पर छपे हुए बार कोड (Uniform Product Code) को पढ़ने के लिए किया जाता है। Barcode Reader से प्रकाश की किरण निकलती है। फिर उस किरण को बार कोड इमेज पर रखते हैं। Barcode Reader में एक Light sensitive detector होता है जो barcode image को दोनों तरफ से पहचानता है। 

एक बार ये कोड Barcode पहचानने के बाद इसे Numeric Code में परिवर्तित करता है। Barcode Reader का ज्यादा प्रयोग super market में किया जाता है, जहां पर Barcode Reader के द्वारा आसानी से किसी Product का Price Read किया जाता है। Barcode गाढ़ी और हल्की स्याही की उर्ध्वाधर रेखाएँ हैं जो Information के रूप में प्रस्तुत किए जाते हैं। तथा Machine इसे आसानी से पढ़ लेती है।

4. Optical Mark Reader (OMR)

optical mark reader एक प्रकार की इनपुट डिवाइस है, जिसका प्रयोग किसी कागज पर बनाए गए चिन्हों को पहचानने के लिए किया जाता है। यह कागज पर प्रकाश की किरण छोड़ता है ।

optical mark reader और प्रकाश की किरण जिस चिह्न पर पड़ती है उस चिह्न को OMR read करके Computer को Input दे देता है। OMR की सहायता से किसी वस्तुनिष्ठ प्रकार (Objective Type) की practical test की उत्तर पुस्तिका की जाँच की जाती है। इसकी सहायता से हजारों प्रश्नों का उत्तर बहुत ही कम समय में आसानी से जाँचा जा सकता है। 

5. Optical Character Recognition (OCR)

यह OMR का ही कुछ सुधरा हुआ रूप होता है। यह केवल साधारण चिह्नों को ही नहीं, बल्कि छापे गए या हाथ से साफ-साफ लिखे गए अक्षरों को भी पढ़ लेता है। यह प्रकाश स्रोत की सहायता से कैरेक्टर की शेप को पहचान लेता है। इस तकनीक को ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्नीशन (Optical Character Recognition) कहा जाता । इसका उपयोग पुराने दस्तावेजों को पढ़ने में किया जाता है। इसका प्रयोग कई अनुप्रयोगों; जैसे-कि टेलीफोन, इलेक्ट्रीसिटी बिल, बीमा प्रीमियम आदि को पढ़ने में किया जाता है। OCR की अक्षरों को पढ़ने की गति 1500 से 3000 कैरेक्टर प्रति सेकण्ड होती है। 

6. Magnetic Ink Character Reader (MICR)

MICR Information का matrix के रूप में उनके आकार का परीक्षण करता है, उसके बाद उसे रीड करता है और रीड करने के बाद Information को Computer में भेजता है। Information में कैरेक्टर एक विशेष इंक से छपे होते हैं, जिसमें Iron Particles होते हैं और उन कणों को Magnetize किया जा सकता है। इस प्रकार की स्याही को चुम्बकीय स्याही कहते हैं। 

इसका प्रयोग Banks में चेक में नीचे छपे magnetic Incoding Digits को पहचानने और Process करने के लिए किया जाता है।

7. Smart Card Reader

स्मार्ट कार्ड रीडर एक Device है, जिसका प्रयोग किसी स्मार्ट कार्ड के Micro Process को Access करने के लिए किया जाता है। स्मार्ट कार्ड दो प्रकार के होते हैं। 

(i) मैमोरी कार्ड (Smart Card Reader) 

(ii) Micro Processor Card: इस मैमोरी कार्ड में Non Volatile memory स्टोरेज कम्पोनेण्ट होता है जो Data को स्टोर करता है। Micro Processor कार्ड में Volatile Memory और Micro Processor Componants दोनों होते हैं। कार्ड सामान्यतः प्लास्टिक से बना होता है। स्मार्ट कार्ड का प्रयोग बड़ी कम्पनियों और संगठनों में सुरक्षा के उद्देश्य से किया जाता है। 

8. Bio-metric Sensor

Bio-metric Sensor एक प्रकार की डिवाइस है, जिसका प्रयोग किसी व्यक्ति की अंगुलियों के निशान को पहचानने के लिए करते हैं। Bio-metric Sensor का मुख्य प्रयोग सुरक्षा के उद्देश्य से करते Bio-metric Sensor इसका प्रयोग किसी संगठन में कर्मचारियों या संस्थान में विद्यार्थियों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए किया जाता है। Bio-metric बहुत शुद्धतापूर्वक एवं दक्षतापूर्वक कार्य करता है, इसीलिए इसका प्रयोग सुरक्षा के उद्देश्य से ज्यादा होता है। 

9. Scanner

Scanner का प्रयोग पेपर पर लिखे या छपे हुए Image को Digital रूप में परिवर्तित करने के लिए करते हैं। यह एक Optical Input Device है जो इमेज को Electronic रूप में बदलने के लिए प्रकाश को Input की तरह प्रयोग scanner करता है और फिर चित्र को Digital रूप में बदलने के बाद Computer में भेजता है। Scanner का प्रयोग किसी दस्तावेज (Documents) को उसके वास्तविक रूप में स्टोर करने के लिए किया जा सकता है, जिससे उसमें आसानी से कुछ बदलाव किया जा सके। 

Scanner निम्न प्रकार के होते हैं 

(i) Handheld Scanner:

ये आकार में काफी छोटे और हल्के होते हैं, जिन्हें आसानी से हाथ में रखकर भी Document को स्कैन किया जा सकता है। यदि किसी Document को स्कैन करना हो तो Document के अलग-अलग भागों को स्कैन करना पड़ता है। लेकिन आकार में छोटा और हल्का होना इसका एक महत्वपूर्ण फायदा है।

(ii) Flatbed Scanner:

ये काफी बड़े और महँगे स्कैनर होते हैं तथा काफी उच्च गुणवत्ता के चित्र उत्पन्न करते हैं। इसमें एक समतल पटल (Flat Surface) होता है जिस पर डॉक्यूमेण्ट को रखकर स्कैन किया जाता है। यह बिल्कुल उसी तरह कार्य करता है जिस तरह फोटोकॉपी मशीन पर पेज रखकर फोटोकॉपी करते है। यह एक बार में पूरा एक पेज स्कैन करता है। 

(iii) Drum Scanner:

ये माध्यम आकार (Medium Size) के स्कैनर होते हैं। इनमें एक घूमने वाला ड्रम होता है। पेपर या शीट को स्कैनर में इनपुट देते हैं और स्कैनर में लगा ड्रम पूरे पेज पर धूमता है, जिससे पूरा पेज स्कैन हो जाता है। यह बिल्कुल फैक्स मशीन की तरह कार्य करता है। 

10. Microphone (Mic)

माइक्रोफोन एक प्रकार का इनपुट डिवाइस है, जिसका प्रयोग Computer को साउण्ड के रूप में इनपुट देने के लिए किया जाता है। माइक्रोफोन आवाज को प्राप्त करता है तथा उसे Computer के Format में परिवर्तित करता है, माइक्रोफोन जिसे डिजिटाइज्ड साउण्ड या डिजिटल ऑडियो भी कहते हैं। माइक्रोफोन में आवाज को डिजिटल रूप में परिवर्तित करने के लिए एक सहायक हार्डवेयर की आवश्यकता पड़ती है। इस सहायक हार्डवेयर को साउण्ड कार्ड (Sound Card) कहते हैं। माइक्रोफोन को Computer के साथ जोड़ा जाता है, जिससे आवाज Computer में रिकॉर्ड हो जाती है। आजकल माइक्रोफोन का प्रयोग Speech Recognition Software के साथ भी किया जाता है अर्थात् इसकी सहायता से हमें Computer टाइप करने की जरूरत नहीं पड़ती बल्कि जो बोला जाता है वो Document में छप जाता है। इसलिए वर्तमान समय में Microphone Input Device का एक महत्वपूर्ण अंग माना जाने लगा है।

11. Webcam or Web Camera

वेबकैम एक प्रकार की Video Capturing Device है। यह एक Digital Camera है जिसे Computer के साथ जोड़ा जाता है। इसका प्रयोग video conferencing और Online Chatting आदि कार्यों के लिए किया जाता है। इसकी सहायता से चित्र भी बना सकते हैं। यदि दो लोगों के Computer में Web cam लगा है और Computer Internet से जुड़ा हुआ है तो हम आसानी से एक-दूसरे को देखकर बातचीत कर सकते हैं।

> ऑप्टिकल माउस का आविष्कार माइक्रोसॉफ्ट ने वर्ष 1999 में किया था। 
> स्कैनर ग्रे स्केल (Cray scale) और कलर मोड (Colour mode) दोनों में इमेज (Image) को स्टोर कर सकता है। 
> ड्रैग तथा ड्रॉप का तात्पर्य है कि माउस के बाएँ बटन को क्लिक किए रखना और माउस प्वॉइण्टर को किसी दूसरे स्थान पर ले जाकर बाएँ बटन को छोड़ देना है। 
> OCR टेक्नोलॉजी का विकास अधिक शुद्धता से अक्षरों को पहचानने के लिए किया गया है। इसीलिए इसे Intelligence Character Recognition-ICR भी कहते हैं। 
> Speech Recognition System, बोले हुए शब्दों को मशीन के पढ़ने लायक इनपुट में बदल देता है। इसका प्रयोग हवाई जहाज कॉकपिट में, Voice डायलॉग, सरल डेटा प्रविष्टि, स्पीच से टेक्स्ट प्रोसेसिंग में होता है |
Frequently Asked Questions
प्रिंटर कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर: 2 (i) डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर और (ii) इंकजेट प्रिंटर

किस डिवाइस से गेम खेलना आसान हो जाता है?

उत्तर: JoyStick

MICR में C का पूरा नाम क्या है?

उत्तर: Character

MICR का उपयोग कहां होता है?

उत्तर: बैंकों में

OBR का फुल फॉर्म क्या होता है?

उत्तर: Optical Barcode Reader

Graphic Display किस चीज से बना होता है?

उत्तर: डॉट

कीबोर्ड में “Function Key” की संख्या कितनी होती है?

उत्तर: 12

लाइन प्रिंटर 1 मिनट में कितने चिन्हा छपता है?

उत्तर: 200 से 2000 तक

कंप्यूटर कीबोर्ड में कितने Arrow के बटन होते हैं?

उत्तर: चार

आज आपने क्या सीखा

दोस्तों मुझे आशा है कि आपको हमारा आर्टिकल इनपुट डिवाइस (Input Device) क्या है और इसके कितने प्रकार है? (What is Input Devices in Hindi) के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी इसके लिए आपको और कहीं जाने की जरूरत नहीं है| अगर आप इस Article के बारे में अपना कुछ राय देना चाहते है तो Comment करके हमें जरूर बताये ।

यदि आपको यह लेख Input Device क्या है और इसके कितने प्रकार है? (What is Input Devices in Hindi) अच्छा लगा हो इससे आपको कुछ सीखने को मिला हो तो आप अपनी प्रसन्नता और उत्सुकता को दर्शाने के लिए कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook, Twitter इत्यादि पर Share कीजिए |

Leave a Comment