1G Mobile Network क्या होता है | What is 1G in Hindi

क्या आप जानते हैं 1G Mobile Network क्या है (What is 1G in Hindi) अगर आपको Wireless Mobile Technology के विषय में जानकारी हैं तब आपको 1G के विषय में पूरी जानकारी होना अति आवश्यक है।

ऐसा इसलिए क्योंकि 1G को दुनिया का सबसे पहला Wireless Technology माना जाता है। पूरी दुनिया में सबसे पहली बार 1G Technology की शुरुआत की गई थी इसलिए इसे First Generation भी कहा जाता है। यह Technology 1980, में सबसे पहली बार आया था और उस समय केवल Voice को ही यह Support करता था लेकिन उस समय के नजर से या एक बहुत बड़ी उपलब्धि थी।

इसलिए आज इस आर्टिकल में मैं आप लोगों को इस पुरानी Mobile Network Technology के बारे में बताऊंगा। जिससे यह पता चलेगा कि हम इंसानों ने Mobile Technology के Field में वर्तमान समय में कितनी तरक्की कर ली है और पिछले कुछ वर्षों में हमने कई ऐसे Mobile Technology Generation को बहुत ही पास से देखा है और इस्तेमाल किया है।

इन सभी चीजों के बारे में आज हम लोग इस आर्टिकल 1G Mobile Technology in Hindi क्या? में जानेंगे जिसमें हमलोग इसके इतिहास, यह क्या है, कैसे काम करता है, इसकी Features क्या है, इसके Limitation क्या है, और इसके लाभ और हानि के बारे में, जानेंगे और 1G Wireless Technology पर निबंध के बारे में पूरी जानकारी के संबंध में आप इससे जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

1G Full FormFirst Generation Mobile Network
Maximum Speed2.4 kbps
First Introduced PlaceJapan
Used TechnologyFDMA technology (Frequency Division Multiple Access)
1G Technology Developed ByNippon Telegraph and Telephone (NTT)
Estd.1980

1G Mobile Network क्या है (What is 1G Network in Hindi)

1G नेटवर्क पहली पीढ़ी के Mobile Network को दर्शाता है। इस नेटवर्क का विकास 1980 के दशक में हुआ था और इसमें Analog Communication का उपयोग किया जाता था। इस नेटवर्क में remote communication towers से संचार किया जाता था और इसमें आवाज के लिए अलग-अलग Channel का उपयोग किया जाता था। इस Network में फोन के बैटरी की लाइफ भी कम होती थी जिसके कारण एक बार चार्ज करने पर फोन का इस्तेमाल सिर्फ कुछ घंटों तक ही किया जा सकता था। इसे First Generation of Wireless Cellular Technology के नाम से भी जाना जाता है।

1G नेटवर्क का इतिहास

1G नेटवर्क का इतिहास मोबाइल फोन के आने से पहले शुरू हुआ था। इसकी शुरुआत 1970 के दशक में हुई थी जब अमेरिका में AMTS (Advanced Mobile Telecom System) नामक पहला Network शुरू किया गया था। यह नेटवर्क सिर्फ अमीर और विशेष वर्ग के लोगों के लिए था जो उस समय फोन का इस्तेमाल कर सकते थे।

1G नेटवर्क का विकास 1980 के दशक में फ्रांस और अमेरिका में हुआ जब वहां Network Companies इस तकनीक के विकास में लगी हुई थी। इस नेटवर्क में analog communication का उपयोग किया जाता था जो कि आवाज के लिए अलग-अलग चैनल का उपयोग करता था। यह नेटवर्क केवल आवाज के लिए उपयोग में आता था और Data Transmission के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता था।

1983 में, अमेरिकी कंपनी Motorola ने पहला मोबाइल फोन Launch किया जो 1G नेटवर्क के साथ काम करता था। यह फोन सिर्फ खास वर्ग के लोगों के लिए था क्योंकि इसकी कीमत बहुत ज्यादा था। इसके बाद, 1980 के दशक के अंत तक, अमेरिका में और अन्य देशों में नए-नए फोन कंपनियां उभरने लगीं जो 1G नेटवर्क पर काम करते थे।

अधिकतर देशों में, 1G नेटवर्क का इस्तेमाल सन् 2000 के दशक तक होता था, जब तक 2G नेटवर्क का विकास नहीं हुआ तब तक। 1G नेटवर्क का विकास भारत में थोड़ा धीमा हुआ, क्योंकि यहां फोन कम मात्रा थी और यह Technology बहुत महंगी थी।

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1G technology के Features

1G तकनीक के निम्नलिखित Features थे:

  1. Analog Technology – 1G Analog Technology पर आधारित था। इसमें Voice Call को बिजली के Signals में बदला जाता था और उन्हें Data Communication के लिए Towers के बीच भेजा जाता था।
  2. Low Capacity – 1G नेटवर्क की Capacity बहुत कम थी जो केवल कुछ संख्या में Phone Calls को Adjust करने में Capable थी।
  3. High Cost – 1G नेटवर्क की Technology बहुत महंगी थी, इसलिए Phones की कीमत भी बहुत ज्यादा थी। 
  4. Short Battery Life – 1G फोनों की बैटरी लाइफ बहुत कम थी। इसलिए, एक बार चार्ज करने पर फोन का इस्तेमाल सिर्फ कुछ घंटों तक ही किया जा सकता था।
  5. Limited Coverage – 1G नेटवर्क का Coverage बहुत Limited था और इसमें Signal की कमी आती थी। इसलिए Phone Calls में Problem रहती थीं।
  6. Large and Bulky Phones – 1G नेटवर्क पर फोन बहुत बड़े और भारी होते थे। उसे उठाना और इस्तेमाल करना बहुत मुश्किल होता था।
  7. No Data Services – 1G Technology में Data Services का कोई Support नहीं था। इसलिए, इंटरनेट से संबंधित कोई सेवा उपलब्ध नहीं थी।
  8. Poor Call Quality – 1G नेटवर्क में Call Quality बहुत ही खराब थी। Phone Call के दौरान शोर और Unclear Voice सुनाई देते थे।
  9. No Security – 1G नेटवर्क को Secure नहीं माना जाता था। इसलिए, Phone Call और उससे संबंधित जानकारी को हानि पहुंचने का खतरा होता था।
  10. No Roaming – 1G नेटवर्क पर Roaming Service उपलब्ध नहीं थी। इसलिए, अगर कोई व्यक्ति अपने स्थान से दूर जाता था तो फोन कॉल उपलब्ध नहीं हो पता था।

1G की Limitation क्या थी? 

1G तकनीक की मुख्य सीमाएं निम्नलिखित हैं:

  • 1G तकनीक Duplexing को Support नहीं करती थी, इसलिए केवल एक व्यक्ति एक समय में बोल सकता था और दूसरे व्यक्ति को उत्तर देना होता था।
  • इसमें spectrum resources की कमी थी, जिससे सिर्फ थोड़ी संख्या में फोन कॉल को चालू किया जा सकता था।
  • 1G तकनीक में अधिक आवाज होता था, जो Call Quality पर असर डालता था।
  • 1G तकनीक में फोन की बैटरी लाइफ बहुत कम थी, जिससे इसे लंबे समय तक उपयोग में नहीं लाया जा सकता था ।
  • इसमें कम संचार सुविधाएं थीं जैसे कि SMS, Multimedia messages और Internet आदि जो आजकल सामान्य हैं।

इन Limitations के कारण , 1G Technology के communication field काफी सीमित थे। इसलिए, इसे बदलने और उन्नत करने की जरूरत थी।

1G नेटवर्क के लाभ

1G नेटवर्क के कुछ लाभ निम्नलिखित हैं:

  • इस समय mobile communication के क्षेत्र में एक नया युग शुरू किया था। इससे पहले, communication centers से Communication किया जाता था, जो बहुत ही Limited था। 
  • 1G नेटवर्क ने मोबाइल फोन के जरिए संचार का पहला कदम बढ़ाया जिससे Communication और Conversation बदल गए।
  • इसने मोबाइल फोन विक्रेताओं के लिए एक नया बाजार उत्पन्न किया जिससे वे एक नया व्यवसाय शुरू कर सकते थे। यह लोगों के लिए एक नया स्रोत बन गया जिससे वे सस्ते मोबाइल फोन खरीद सकते थे।
  • 1G नेटवर्क ने comprehensive coverage दिया जो संचार के क्षेत्र में बहुत ही उपयोगी था। इसके साथ ही, यह एक मुफ्त सेवा भी थी।
  • 1G नेटवर्क ने Communication Skills में एक बड़ी वृद्धि हुई जिससे अधिक से अधिक लोगों से Communicate करने की Capacity बढ़ी जिससे इस तकनीक का उपयोग अधिक लोगों द्वारा किया जा सके।
  • 1G नेटवर्क ने स्थान पर संचार सुविधा उपलब्ध कराई गयी जिससे लोगों को मदद मिल सके। इससे लोगों को स्थान के अनुसार Communicate करने की सुविधा होती है।
  • 1G नेटवर्क ने mobile communication में एक  नए युग की शुरुआत की जो नए संचार के संभावनाओं को बनाता गया। इसके साथ ही, इसने Communication Technology के regeneration में एक नया अध्याय लिखा जिसने भविष्य में mobile communication के लिए और अधिक नयी technology विकसित की।

1G नेटवर्क के नुकसान

1G नेटवर्क के कुछ नुकसान निम्नलिखित हैं:

  • 1G नेटवर्क में Communication की Capacity बहुत कम थी। इससे लोग एक साथ कम संख्या में Communicate कर सकते थे।
  • 1G नेटवर्क की Communication Quality बहुत ही कम थी जो लोगों को एक-दूसरे तक का Communicate करने में बाधा डालती थी।
  • 1G नेटवर्क के Mobile Phones की बैटरी लाइफ बहुत ही कम थी जिससे फोन का उपयोग लंबे समय तक नहीं कर पाते थे।
  • 1G की सुरक्षा बहुत कम थी जिससे लोगों को security issues का सामना करना पड़ता था।
  • 1G की Sound Quality बहुत ही कम थी जो Communicate करने वालों को एक दूसरे की बात समझने में मुश्किलो को सामना करना पड़ता था।
Frequently Asked Questions
1G कब लाया गया था?

उत्तर: 1980 के दशक में

1G का प्राथमिक उपयोग क्या था?

उत्तर: Voice Calls

कौन सी कंपनी ने 1G को Display किया था?

उत्तर: Motorola

1G नेटवर्क में कौन सा प्रोटोकॉल इस्तेमाल किया गया था?

उत्तर: AMPS

1G नेटवर्क को किस नाम से जाना जाता है?

उत्तर: First Generation Network

1G नेटवर्क में किस प्रकार के फीचर्स थे?

उत्तर: Basic

1G नेटवर्क से जुड़े टेक्नोलॉजी का नाम क्या है?

उत्तर: Analog Technology

1G नेटवर्क के समय कौन सा डिवाइस इस्तेमाल किये जाते थे?

उत्तर: बैग फोन

आज आपने क्या सीखा 

प्रिया पाठको, मैं आशा करता हूं कि आपको हमारी आर्टिकल 1G Mobile Network क्या है (What is 1G in Hindi) पर यह पोस्ट पसंद आई होगी और इसके बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी।

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