Computer Architecture क्या है और इसके प्रकार हिंदी में

क्या आपको पता है कि कंप्यूटर आर्किटेक्चर (Computer Architecture) kya hai? ऐसे बहुत से सवाल है जो अक्सर कई लोगों को परेशान करते हैं जैसे हमारे शरीर की संरचना होती है और एक अंग दूसरे से जुड़े होते है ठीक उसी प्रकार से Computer के भी बहुत अंग होते हैं और वह अंग एक दूसरे से जुड़े होते हैं |

जैसे कि हमारे शरीर में एक अंग दूसरे अंग से जुड़े होते है जो यह बताता है कि हमारे शरीर को करना क्या है? ठीक उसी प्रकार Computer का प्रत्येक भाग दूसरे भाग को यह बताता है कि उसे काम क्या करना है ? आज हम लोग इस Article में जानेंगे कि कम्प्यूटर की संरचना (Computer Architecture) क्या है और इसके प्रकार हिंदी में (What is Computer Architecture in Hindi) सभी के बारे में हम लोग आज विस्तार से जानेंगे |

Computer Architecture क्या है?

Computer के विभिन्न Components एवं उनके मध्य सम्बन्ध को कम्प्यूटर की संरचना (Computer Architecture) कहते हैं। लगभग सभी Computers की संरचना एक ही तरह की होती है।

Computer के कितने भाग होते है? 

Computer के प्रमुख तीन भाग होते हैं, जो निम्नलिखित हैं 

  1. इनपुट/आउटपुट यूनिट (Input/Output Unit) 
  2. सेण्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (Central Processing Unit) 
  3. मैमोरी यूनिट (Memory Unit) इनपुट यूनिट
Computer Architecture kya hai

Input Device द्वारा हम अपना Data या Instruction अथवा प्रोग्राम Computer में Input कराते हैं। जो CPU के द्वारा ग्रहण किया जाता है और Memory में उचित स्थान पर Store कर दिया जाता है। आवश्यकता पड़ने पर ALU Memory से ही Data तथा Instruction ले लेता है, जहाँ Control Unit के आदेश के अनुसार Processing की जाती हैं और परिणाम Output Device को Sent कर दिए जाते हैं या पुनः Memory में ही रख दिए जाते हैं। अन्य सभी Units control unit के नियंत्रण में कार्य करती है। 

Input Unit 

Input Unit वे Hardware होते हैं जो Data को Computer में भेजते हैं। बिना Input unit के Computer TV की तरह दिखने वाली एक ऐसी Display unit हो जाता है, जिससे उपयोगकर्ता कोई कार्य नहीं कर सकता। 

Input unit का कार्य यह है कि हम अपनी भाषा में इसको जो भी Data या Instruction देते हैं। उसे ये Binary Code में बदलकर Computer (अर्थात् CPU) में भेज देते हैं। 

Input unit द्वारा निम्न कार्य किए जाते हैं :

  1. यह उपयोगकर्ता द्वारा दिए गए Instructions तथा Data को पढ़ती या स्वीकार करता है। 
  1. यह Instructions और Data को Computer द्वारा स्वीकार किए जाने वाले रूप में बदलती हैं। 
  1. यह बदले हुए रूप में इन Instructions और Data को आगे की Processing के लिए Computer को भेज देता है।

Output Unit 

Data तथा Instructions को परिणाम के रूप में प्रदर्शित करने के लिए जिन Units का उपयोग किया जाता है, उन्हें Output units कहते हैं। Output units का कार्य यह है कि वह Computer से प्राप्त होने वाले परिणामों को जो Binay code में होते हैं। हमारे लिए उचित Symbols या Language तथा Image में बदलकर हमें उपलब्ध कराता है। 

Output Unit द्वारा निम्न कार्य किए जाते हैं।

  1. यह Computer द्वारा दिए गए परिणामों को स्वीकार करता है, जोकि Binay code के रूप में होते हैं और जिन्हे हमारे लिए समझना कठिन होता है। 
  2. यह उन कोड के रूप में दिए गए परिणामों को हमारे द्वारा पढ़ने या समझने योग्य रूप में बदल देता है। 
  3. यह बदले हुए रूप में परिणामों को हमारे समक्ष प्रस्तुत करता है या छाप देता है। 

Central Processing Unit (CPU)  

CPU ही Processing unit और Computer का वह भाग होता है, जिसमें Arithmetic and Logical Operations निष्पादित होते हैं तथा Instructios Decode और Execute किए जाते हैं। CPU Computer के संपूर्ण Operations को नियंत्रित करता है। CPU को Computer का मस्तिष्क (Brain) कहा जाता है। Micro Computer के CPU को Microprocessor भी कहा जाता है। यह Computer के External and Internal Devices को Control करता है |

CPU के प्रमुख कार्य निम्न हैं:

  1. यह निर्देशों (Data Instructions) तथा Data को Main Memory से Registers में Transferred करता है। 
  2. Instructions का क्रमिक रूप से Execution करता है। 
  3. आवश्यकता पड़ने पर यह Output Data को Registers से Main memory में Transferred करता है। | 

CPU के प्रमुख तीन अवयव निम्नलिखित हैं :-

Arithmetic and Logical Unit (ALU) 

जैसा कि इसके नाम से स्पष्ट है, CPU के लिए सभी प्रकार की अंक गणितीय क्रियाएँ (Add, Subtractin, Multiply and Divide) और तुलनाएँ (दो संख्याओं में यह बताना कि कौन-सी छोटी या बड़ी है अथवा दोनों बराबर हैं), इसी Unit में की जाती हैं। यह Unit कई ऐसे Circuits से बनी होती है, जिनमें एक ओर से कोई दो संख्याएँ भेजने पर दूसरी ओर से उनका Sum, Difference, Product or Quotient प्राप्त हो जाता हैं। इसमें सारी क्रियाएँ Binary System में की जाती हैं। प्राप्त होने वाली संख्याओं तथा क्रियाओं के Results को अस्थाई रूप से Store करने या रखने के लिए इसमें कई विशेष बाइटें होती हैं, जिन्हें Resister कहा जाता है। 

Registers

Register एक ऐसा उपकरण या साधन है, जिसमें Data Store किया जाता है। Registers बहुत तेज गति वाली Temporary Storage Device है। Memory के अनुक्रम (Memory Hierarchy) में रजिस्टरों का स्थान सबसे ऊँचा होता है और ये CPU को किसी Data का उपयोग करने के लिए सबसे तीव्र मार्ग देते हैं। किसी Programme के क्रियान्वयन को सबसे तीव्र गतिशीलता प्रदान करने के लिए रजिस्टरों का व्यापक प्रयोग किया जाता है। 

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Control Unit

इस भाग का कार्य सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। यह Computer के सभी भागों के कार्यों पर नज़र रखता है और उनमें परस्पर तालमेल बैठाने के लिए उचित आदेश भेजता है। इसका सबसे प्रमुख और पहला कार्य यह है कि हम जिस Programme का पालन कराना चाहते हैं, यह उसे Memory में से क्रमशः पढ़कर उसका Analysis करता है और उसका पालन कराता है। किसी Instruction का पालन सुनिश्चित करने के लिए वह Computer के दूसरे सभी भागों को उचित निर्देश जारी करता है। 

उदाहरण के लिए, Memory को आदेश दिया जा सकता है कि वह कोई Data किसी स्थान पर Store कर दे या वहाँ से उठाकर (पढ़कर) ALU में भेज दे। Computer के सभी भागों में तालमेल बनाकर Programmes का ठीक-ठाक पालन कराना इसी इकाई का दायित्व है। 

इस प्रकार CPU की सभी Units द्वारा आपसी सहयोग से उपयोगकर्ता द्वारा बताए गए कार्य किए जाते हैं। इसके लिए जब भी किसी Input की आवश्यकता होती है। वह किसी Input Unit से ले लिया जाता है और जो परिणाम या संदेश आते हैं, उन्हें किसी Output Unit को भेज दिया जाता है।

Microprocessor

CPU किसी Computer का मस्तिष्क (Brain) होता है। इसी के अन्दर सभी प्रकार की Calculations और Processing की जाती है, इसको ही Processor भी कहा जाता है। Micro Computers के लिए जिस Processor का उपयोग किया जाता है, उसे MicroProesssor कहा जाता है। इसी के द्वारा सभी कार्य किए जाते हैं। वैसे कभी-कभी जटिल गणनाओं के लिए अलग से Math Processor भी लगाया जाता है। 

Microprocessor एक Semiconductor Integrated Circuit पर बनाई गई Programme करने योग्य (Programmable) Digital electronic goods है। जो किसी Central Processing Unit (CPU) के सभी कार्य करती है। यह Computer का Heart व Brain होता है। यह केवल Machine language ही समझती है।

  • Intel 4004 पहला ऐसा MicroProesssor था, जिसमें CPU के सभी अवयव एक Chip पर लिए गए। 
  • कुछ महत्वपूर्ण MicroProcessors के नाम हैं। – Intel Dual Core तथा Pentium IV आदि। 

Memory Unit

Memory Computer का वह भाग है जो Data तथा Instruction को Store करती है। Computer की Memory आधुनिक Computers के Main Works में से एक अर्थात् सूचना भण्डारण (Information Retention) की सुविधा प्रदान करती है। यह | Computer के CPU का एक भाग होती है और उससे मिलकर संपूर्ण Computer बनाती है। | 

Memory Unit के दो भाग होते हैं :

(i) Primary Memory (ii) Secondary Memory 

Primary Memory क्या है 

इसे Internal या Main Memory भी कहा जाता है। यह | CPU से सीधे जुड़ी होती है। इसका अर्थ है कि CPU इसमें store किए गए Instrutions को लगातार पढ़ता रहता है और उनका पालन करता रहता है। इसके साथ ही कोई data जिस पर Activity से कार्य किया जा रहा है वह भी इसमें store किया जाता है।

Primary memory में किसी समय चल रहे प्रोग्राम/प्रोग्रामों तथा उनके Input Data और Output का Temporary रूप से कुछ समय के लिए stote किया जाता है। | जैसे ही उनकी आवश्यकता समाप्त हो जाती है, उन्हें हटाकर दूसरे Data या Programme उस जगह रखे जा सकते हैं। Primary Memory का आकार सीमित होता है परन्तु इनकी गति बहुत तेज होती है।

Primary Memory में निम्न सूचनाएं रखी जाती हैं :

  • Process किए जाने वाले समस्त Data और उसको प्रोसेस करने के लिए आवश्यक Instruction जो Input साधनों से प्राप्त किए गए होते हैं। 
  • Processing के मध्यवर्ती (Intermediate) परिणाम। 
  • Processing के Final परिणाम। उन्हें Output साधन को भेजे जाने तक सुरक्षित रखा जाता है।

Primary Memory दो प्रकार की होती हैं | 

(i) Random Access Memory 

(ii) Read Only Memory

Random Access Memory (RAM)

इसे संक्षेप में RAM कहा जाता है। यह Memory एक Chip पर होती है, जो Metal oxide semiconductor (MOS) से बनी होती है। हम इस Memory के किसी भी लोकेशन को चुनकर उसका उपयोग सीधे ही किसी Data को स्टोर करने या उसमें से Data पढ़ने के लिए कर सकते हैं।

यह Memory ऐसे Registers और उनसे जुड़े हुए Circuits से बनी होती | है, जिनसे Data को वहाँ तक और वहाँ से स्थानान्तरित करना संभव हो। ऐसे प्रत्येक लोकेशन का एक निश्चित पता (Address) होता है। जिसकी सहायता से हम उस लोकेशन तक पहुँच सकते हैं। इस Memory के Registers या Locations को हम आवश्यकता होने पर कभी भी उपयोग में ला सकते हैं। इसलिए इसका नाम Random Access Memory रखा गया है। RAM में भरी जाने वाली सूचनाएँ Temporary होती हैं और जैसे ही Computer की बिजली बंद कर दी जाती है वैसे ही वे समस्त Information नष्ट हो जाती हैं। 

RAM में वे Programme और Data रखे जाते हैं, जिनको CPU खोज सके और वहाँ से प्राप्त कर सकें। इस memory को भी कई Sectons में बाँटा जाता है, ताकि उसमें रखी गई Information को व्यवस्थित किया जा सके और उन्हें पाया जा सके। ऐसे प्रत्येक section का एक निश्चित पता होता हैं। किसी Data bus की सहायता से हम RAM से किसी Information को निकाल सकते हैं या उसमें Information Store कर सकते हैं। 

Instruction Format

Computer द्वारा Instruction को केवल 0 व 1 के रूपों में समझा जाता है जिसे Machine Language कहते हैं। एक Computer Programme Instruction का एक समूह है, जोकि किसी टास्क (Work) को पूरा करने के लिए आवश्यक Steps को विस्तार पूर्वक करता है। 

किसी भी Processor को कार्य करने के लिए दो प्रकार के Input की आवश्यकता होती है। 

Data तथा Instruction

Instruction Computer को बताते हैं कि किसी विशेष कार्य को करने के लिए कौन-सी क्रिया की जानी चाहिए। किसी भी Instruction को दो भागों में बाँटा जा सकता है |

ऑपरेशन (Operation or Op-code) तथा ऑपरेण्ड (Operand) ऑपरेशन वे क्रिया होती हैं, जिन्हें Perform किया जाता है तथा Operand होते है जिन पर Operand किया जाता है। उदाहरण के लिए, +, यहाँ A तथा B Operand हैं तथा ‘+’ Operation हैं। 

Instruction of Cycle 

Control Unit को Computer का नाड़ी तंत्र (Vascular system) भी कहते हैं। सारे आदेश Control unit से गुजरते हैं। यहाँ पर जो Processing होती हैं, उसे Instruction Cycle कहते हैं।

Computer-Architecture-kya-hai

पूरी Instruction Cycle में निम्न चार चरण होते हैं। 

  1. Fetching

इस चरण में Memory से Instruction को Fetch करके Introduction Register (एक परिपथ जो एक निर्देश को रखने में सक्षम होता है) में लाता है, ताकि वह Instruction Decode तथा Executed किया जा सके। 

2. Decoding

इसमें दिए गए Instruction को Decode करना अर्थात् दिए गए Instruction की व्याख्या करना।

3. Read the Effective Address

यदि Instruction के पास Indirect Address है तो उस पते को Memory से पढ़ना। 

4. Execution

इसमें Instruction का निष्पादन करना होता है। दिए गए चरणों में से, चरण 1 और 2 सभी Instruction के लिए एक समान होते हैं तथा फँच चक्र कहलाते हैं और चरण 3 व 4 सभी निर्देशों के लिए अलग-अलग होते हैं तथा निष्पादन चक्र (Execute Cycle) कहलाते हैं। 

Read Only Memory (ROM) 

इसे संक्षेप में ROM कहा जाता है। यह वह Memory है जिसमें Data पहले से भरा जा चुका होता है और जिसे हम केवल पढ़ सकते हैं। हम उसे हटा या बदल नहीं सकते। वास्तव में ROM chip बनाते समय ही उसमें कुछ आवश्यक Programme और Data लिख दिए जाते हैं जो स्थाई होते हैं। जब Computer की बिजली बंद कर दी जाती है, तब भी ROM चिप में भरी हुई Information सुरक्षित बनी रहती हैं। ROM Chips का उपयोग सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों; जैसे-Calculator, Video game, Digital Camera आदि में किया जाता है।

अधिकांश Personal Computers में ROM Memory के बहुत उपयोग होते हैं। इनमें प्रायः ऐसी Informations Store की जाती हैं जो Permanent और महत्वपूर्ण होती हैं या वे Programme Store किए जाते हैं। जिनको बदलने की आवश्यकता नहीं होती; जैसे-Computer को Boot करने वाला Programme। पुराने Personal Computers में ROM Memory में Basic Input-Output System (BIOS) भी Store किए जाते थे। जो PC के Hardware और Operating System के बीच Translator का कार्य करते थे।

Secondary Memory क्या है

इस प्रकार की Memory CPU से बाहर होती है, इसलिए इसे External या Secondary Memory भी कहा जाता है। Computer memory होने तथा बिजली बंद कर देने पर उसमें रखी अधिकतर Information नष्ट हो जाने के कारण न तो हम उसे इच्छानुसार बढ़ा सकते हैं और न हम उसमें कोई सूचना स्थाई रूप से स्टोर कर सकते हैं। इसलिए हमें सहायक मैमोरी (Auxiliary memory) का उपयोग करना पड़ता है। 

इसकी कीमत तुलनात्मक दृष्टि से बहुत कम और Data store करने की Capacity बहुत अधिक होती है। इसमें एक ही कमी है कि इन माध्यमों में Data को लिखने (अर्थात स्टोर करने) तथा पढ़ने (अर्थात् प्राप्त करने) में समय बहुत लगता है। इसलिए हम इसमें ऐसी सूचनाएँ भण्डारित करते हैं, जिन्हें लम्बे समय तक सुरक्षित रखना हो तथा जिनकी आवश्यकता लगातार नहीं पड़ती हो। 

Auxiliary memory का उपयोग Backup के लिए किया जाता है। जब | हमें किसी Data की तत्काल आवश्यकता नहीं रहती, तो उसे किसी चुम्बकीय माध्यम; जैसे- Floppy Disk या Magnatic Tape पर नकल करके अलग सुरक्षित कर लिया जाता है। ऐसा प्रायः Hard disc को खाली करने के लिए किया जाता है, ताकि उस पर ऐसा Data भरा जा सके, जिसकी आवश्यकता पड़ रही हो और Disc पर जगह न हो। Backup साधन में Store किए गए Data को आगे कभी आवश्यकता पड़ने पर Hard Disc पर उतारा या नकल किया जा सकता है। 

प्रारंभिक Computers में Punched card, Paper tape तथा Magnetic Tapes का प्रयोग सहायक भण्डारण के लिए किया जाता था। लेकिन आजकल मुख्य रूप से Magnetic discs का प्रयोग इस कार्य हेतु किया जाता है जो कई प्रकार से सुविधाजनक हैं।

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Motherboard 

एक Computer System के विभिन्न Boards में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण Motherboard या Main Board होता है। वर्ष 1974 में, Micro Computers के निर्माण के प्रारम्भ से ही उनके सभी अनिवार्य इलेक्ट्रॉनिक अवयवों को एक ही छपे हुए सर्किट बोर्ड पर लगाया जाता है जिसे MotherBoard कहा जाता है। MotherBoards किसी जटिल electronic System; जैसे-आधुनिक कम्प्यूटर का केन्द्रिय या मुख्य सर्किट बोर्ड होता है। इसे Mainboard, Baseboard, System Board या Logic Board भी कहा जाता है। 

किसी MotherBoard का मुख्य उद्देश्य System के विभिन्न अवयवों (Components) को आपस में जोड़ने के लिए आवश्यक Electronic और Logincal Connection उपलब्ध कराना होता है। एक सामान्य Desktop Computer उसके MotherBoard में MicroProcessor, Main memory और अन्य अनिवार्य अवयव लगाकर बनाया जाता है। 

इनके अलावा अन्य बहुत से अवयव; जैसे- External Storage उपकरण, Video Controller, Sound Controller, बाहरी इनपुट/आउटपुट उपकरण आदि MotherBoard के साथ किसी Connector या Cable के माध्यम से जोड़े जाते हैं, हालाँकि Computers में इनमें से अधिकांश अवयव Mothrboard में पहले से भी जुड़े हुए मिलते हैं। 

BUS 

Data, Instruction and Information को Computer के विभिन्न अवयवों तथा Peripheral Devices को भेजता है। इस आवागमन के लिए विभिन्न Buses प्रयोग की जाती है। computer में अनेक Buses होती हैं जो विभिन्न कार्यों के लिए प्रयुक्त होती है। दूसरे शब्दों में, एक Bus कुछ ऐसे तारों या Connections का Store होती है, जिनसे होकर Signal एक उपकरण से दूसरे उपकरण एक भेजे जाते हैं। वास्तव में, बस एक संप्रेषण माध्यम (Transmission Medium) है। 

Types of BUS

किसी Computer में अनेक Buses होती हैं, जिन्हें दो भागों में बाँटा जा सकता है 

1. आन्तरिक बस (Internal Bus) 2. बाह्य बस (External Bus)

  1. Internal Bus

Motherboard के आंतरिक अवयवों को जोड़ती है; जैसे- CPU एवं System memory को System Bus भी कहते हैं; जैसे – कंट्रोल बस, एड्रेस बस आदि।

Memory तथा Input/Output Devices को दिए जाने वाले विभिन्न Instruction Control Bus द्वारा ले जाए जाते हैं। Input/Output Devices या Memory के Address Bus द्वारा ले जाए जाते हैं। 

Data को Transferred करने वाली Bus को Data Bus कहते हैं। 

  1. External Bus

विभिन्न बाहरी अवयवों को जोड़ती है; जैसे-Peripheral, Ports, Expansion Slots आदि। 

Note:
> Machine Cycle ये वह समय है जो दो ऑपरेण्ड को Registers से लाकर उन पर ALU Operation करके प्राप्त परिणाम को वापस Register में Store करने में प्रयोग होता है। 
> Buffer यह एक Temporary Storage Area है, जोकि RAM में होता है। इसमें Data को एक जगह से दूसरी जगह Transferred करने के लिए रखा जाता है। Computer में जब Data डालते हैं तो वह सबसे पहले Buffer में ही स्टोर होता है। 
> किसी Computer के कार्य निष्पादन करने की क्षमता (Performance) उसके Registers, RAM and Cache Memory के आकार तथा System Clock की गति पर निर्भर करती हैं। 
> Motherboard पर Chip के Connection Points Sockets कहते हैं।
> किसी Digital Computer की Control Unit को Clock कहते हैं। 
> Instruction Code Bits का एक ऐसा समूह होता है जो किसी विशेष कार्य को करने को कहता है। 
> एक Device द्वारा Data एवं Instruction को Locate करने तथा, उसे CPU तक पहुँचाने में लिए गए समय को One Processing Cycle कहते हैं।

Frequently Asked Questions

Q 1. MFS Stand For…..

Memory Function Complete

Q 2. CISC का पूरा नाम क्या है?

Complex Instruction Set Computing

Q 3. Specific Purpose Storage Location को क्या कहते है?

Register

Q 4. Common Bus में कितने Register होते है?

8

Q 5. वह सर्किट जो 1 Bit Data को स्टोर करने के लिए उपयोग किया जाता है?

Flip-Flop

Q 6. Cache Memory किसके मध्य कार्य करती है?

CPU तथा RAM

आज आपने क्या सीखा

दोस्तों मुझे आशा है कि आपको हमारा आर्टिकल कंप्यूटर आर्किटेक्चर (Computer Architecture) क्या है और इसके प्रकार हिंदी में (What is Computer Architecture in Hindi)  के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी इसके लिए आपको और कहीं जाने की जरूरत नहीं है|

यदि आपके मन में इस Article को लेकर कोई Doubt है या आप चाहते हैं कि इसमें कुछ सुधार होना चाहिए तब इसके लिए आप नीचे Comment लिख सकते हैं आपकी इन्हीं विचारों से हमें कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मौका मिलेगा |

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