Credit Instrument क्या हैं? इसके कितने प्रकार होते हैं?

क्या आपको पता है कि साख पत्र (Credit Instrument) kya hai? ऐसे बहुत से सवाल है जो अक्सर कई लोगों को परेशान करते हैं | नाम सुनकर ऐसा लगता है जैसे कि यह कोई Instrument हो या Box हो परंतु ऐसा नहीं है तो आज हमलोग इस Article में इसके बारे में जानेंगे जो आपको भविष्य में आने वाले परीक्षा में मदद करेंगें और आपकी जानकारी भी बढ़ाएंगे |

तो आज हम लोग इस Article में जानेंगे कि साख पत्र (Credit Instrument) क्या हैं? इसके कितने प्रकार होते हैं? (What is Credit Instrument in Hindi) जब कभी Banking में Credit की बात आती है तो उसमें एक महत्वपूर्ण नाम Credit Instrument का भी आता है जो कि Banking Sector के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कड़ी मानी जाती है तो आज हमलोग इसे विस्तार से जानेंगे |

Credit Instrument किसे कहते हैं? What is Credit Instruments in Hindi?

जब एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को Loan देता है तो वह उससे एक Written certificate ले लेता है। इस Certificate में Credit के देने अथवा पाने के सम्बन्ध में Miscellaneous Terms का समावेश होता है। इन प्रमाण-पत्रों को ही साख-पत्र (Credit Instrument) कहा जाता है।

Credit Instruments के कितने प्रकार होते हैं?

भारत में निम्नलिखित प्रकार के Credit Instrument उपयोग में लाये जाते हैं:-

  1. प्रतिज्ञा-पत्र (Promissory Note) 
  2. विनिमय-पत्र (Bill of Exchange) 
  3. चेक (Cheque)
  4. हुण्डी (Hundi)
  5. बैंक ड्राफ्ट (Bank Draft) 
  6. सरकारी बिल (Treasury Bill)
  7. सरकारी प्रतिभूति (Govt. Security) 
  8. लाभांश पत्र (Dividend Cheque)
  9. साख-पत्र (Letter of Credit) तथा 
  10. पुस्तकीय साख (Book Credit)

1. Promissory Note 

यह वह Written letter (Bank Note या चलन का Note नहीं) है जिसमें लिखने वाला, उसमें दिये हुए किसी पक्ष को या उसके आज्ञानुसार अथवा वाहक को बिना किसी शर्त के उसमें लिखी हुई रकम देने की प्रतिज्ञा करता है।

2. Bill of Exchange 

Bill of Exchange एक ऐसा Unconditional लिखित आज्ञापत्र है जिसको लिखने वाला, अपना हस्ताक्षर करके किसी अन्य व्यक्ति या संस्था को यह आदेश देता है कि वह Payee को या उसके अनुसार किसी अन्य व्यक्ति या वाहक को माँगने पर अथवा निश्चित अवधि बीतने पर एक निश्चित रकम दे दें।

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3. Cheque 

Cheque एक लिखित शर्त-रहित आज्ञापत्र (Decree) है जिसे Customer अपना हस्ताक्षर करके एक विशेष Bank के ऊपर जारी करता है और जिसके द्वारा Bank को यह आदेश दिया जाता है कि वह एक निश्चित व्यक्ति को या उसकी आज्ञा से किसी अन्य व्यक्ति को या वाहक को एक निश्चित रकम माँगने पर दे दे।

4. Hundi 

Hundi एक व्यक्ति के द्वारा, दूसरे व्यक्ति को लिखा गया (बहुधा) शर्तरहित (Unconditional) आज्ञापत्र है जिसमें किसी व्यक्ति को माँगने पर या एक निश्चित समय के बाद एक निश्चित रकम के भुगतान करने की आज्ञा होती है।

5. Bank Draft 

Bank Draft किसी Bank द्वारा अपनी Branch अथवा किसी अन्य agent bank के नाम पर लिखा हुआ एक Letter of exchange है जिसके द्वारा वह bank अपनी branch या agent bank को एक निश्चित धन-राशि किसी व्यक्ति विशेष को या उसके द्वारा आदेशित किसी अन्य व्यक्ति को, माँग करने पर देने का आदेश देता है।

6. Treasury Bill 

यह Government द्वारा जारी किया गया Promissory note है। इसकी अवधि 3 माह से 12 महीने तक की होती है। जब Government को थोड़े समय के लिए धन की आवश्यकता होती है तो Central Bank treasury bill बिल जारी करता है। यह एक Short term loan है। 

7. Govt. Security 

Govt. Security या Gov. Bond long term credit है। इसकी अवधि 5 वर्ष, 10 वर्ष या इससे भी अधिक की होती है। इस पर एक निश्चित दर से Interest दिया जाता है।

8. Dividend Cheque 

जब कोई Company अपना Dividend बाँटती है तब वह Stakeholders के पास एक रसीद भेजती है जिसे लाभांश-पत्र (Dividend Cheque) कहते हैं। यह Cheque या Bill की तरह होता है। इसका holder इसे Company के Bank में जमा करके Devidend की रकम प्राप्त कर सकता है।

9. यात्री-धनादेश (Passenger Money order) 

यह एक प्रकार का order है जो Passangers की सुविधा के लिए कोई Bank अपनी Branches पर लिखता है। लिखित शाखाओं में से किसी भी Branch में Cheque को उपस्थित करके रुपया प्राप्त किया जा सकता है। इस सुविधा से यात्रा करने में काफी सहूलियत होती है।

10. Letter of Credit 

यह एक प्रकार का Letter है जिसे एक व्यक्ति किसी firm या Bank के नाम लिखता है। इसमें यह अनुरोध किया जाता है कि Paper में लिखित व्यक्ति को एक निश्चित रकम तक की Credit दी जाय। यह अधिकतर Bank के द्वारा लिखा जाता है। इस Letter में एक तिथि भी लिखी जाती है और credit इस तिथि तक ही प्रदान करने की प्रार्थना की जाती है।

11. Book Credit 

जब कोई Businessman अपना माल उधार बेचता है या कोई Bank किसी को loan देता है, तब ये दोनो उधार बेचे गये सामान का मूल्य या कर्ज की रकम को अपने Account में दिखाते हैं। इस प्रकार के loan को ही पुस्तकीय साख (Book Credit) कहते हैं। हिसाब की पुस्तकों में इस तरह का लिखा हुआ loan कानूनी रुप से भी उधार मान लिया जाता है और यह जरूरी नहीं है कि इस तरह के loan पर कर्ज़दार के हस्ताक्षर हों। वर्तमान व्यापारिक जगत में book credit के रुप में ऋणी का बहुत महत्व है। क्योंकि credit के इस बहुत बड़े ढाँचे के आधार पर ही आज के Business चलते हैं।

Conclusion

दोस्तों मुझे आशा है कि आपको हमारा आर्टिकल साख पत्र (Credit Instrument) kya hai? इसके कितने प्रकार होते हैं? (What is Credit Instrument in Hindi) के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी इसके लिए आपको और कहीं जाने की जरूरत नहीं है|

यदि आपके मन में इस Article को लेकर कोई Doubt है या आप चाहते हैं कि इसमें कुछ सुधार होना चाहिए तब इसके लिए आप नीचे Comment लिख सकते हैं आपकी इन्हीं विचारों से हमें कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मौका मिलेगा |

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