मिश्रित बैंकिंग क्या हैं? मिश्रित बैंकिंग के गुण और दोष

मिश्रित बैंकिंग क्या हैं? मिश्रित बैंकिंग के गुण और दोष

What is Mixed Banking? Merits and Demerits of Mixed Banking.

आज हम लोग मिश्रित बैंकिंग (Mixed Banking) के बारे में बात करेंगे जिसमें हम लोग जानेंगे की मिश्रित बैंकिंग क्या हैं? मिश्रित बैंकिंग के गुण और दोष (What is Mixed Banking in Hindi)यह एक ऐसा topic है जो की banking में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है | 

तो आज हम लोग इस Article में जानेंगे कि मिश्रित बैंकिंग क्या हैं? मिश्रित बैंकिंग के गुण और दोष के बारे में, जब कभी Banking की बात आती है तो उसमें एक नाम Mixed Banking का भी आता है जो कि एक महत्वपूर्ण नाम है जो कि Banking Sector के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कड़ी मानी जाती है |

Mixed Banking किसे कहते हैं? What is Mixed Banking?

प्रत्येक Commercial bank किसी भी Industry अथवा Business को बहुत थोड़े समय के लिए कर्ज देते हैं। लम्बे काल तक वे कर्ज नहीं देना चाहते परन्तु जब वे कोई भी कर्ज लंबी अवधि के लिए देते तो इस प्रणाली को मिश्रित बैंकिंग (Mixed Banking) कहा जाता है।

Mixed Banking को अपनाने वाले देशों के नाम हैं-जर्मनी, फ्रांस, अमेरिका तथा इंगलैंड। इन देशों ने प्रथम महा-विश्व युद्ध समाप्त होने के उपरांत financial crisis का सामना करने के लिए Mixed Banking को अपनाया। दूसरे, कर्ज लेने वालों की संख्या कम हो जाने के कारण Banks की जमा में वृद्धि होने लगी। अत: उन्होंने long term loan देना भी शुरू कर दिया।

> Commercial Paper और Certificate of Deposit में क्या अंतर है?

> Negotiable Instruments Act क्या है?

> Trust क्या होता है? What is Trust in Hindi

मिश्रित बैंकिंग से लाभ (Advantage of Mixed Banking) 

  1. प्रत्येक Commercial banks को Industries के विषय में पूर्ण जानकारी रहती है। अत: वे Company के शेयर खरीद कर, Permanent capital देकर, Real estate पर कर्ज देकर उनकी सहायता करते हैं।

2. अगर किसी Bank में पूँजी और Safe Treasury की रकम जमा से ज्यादा हो, तो वह Bank Long term के लिए कर्ज देने में समर्थ हो सकता है। किंतु ऐसा करने पर उसे खतरे का भी सामना करना पड़ सकता है। 

इसके लिए Bank निम्नलिखित साधन अपनाते हैं:-

(i) Appropriations को सावधानी से करना चाहिए तथा Industrial collateral में सिर्फ ऐसी जमानतें ही ली जाए, जिन्हें सरलता से बाजार में Buy and sell किया जा सके। 

(ii) जमानतों का मूल्यांकन गलत नहीं होना चाहिए।

मिश्रित बैंकिंग के दोष (Disadvantage of Mixed Banking)

1. Long term loan देने का लालच Bank को इतना अधिक हो जाता है कि उन्हें Bank की सुरक्षा का भी ध्यान नहीं रहता। अत: उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। 1932 ई० में फ्रांस में Banks के फेल होने का यही कारण था।

2. Financial Crisis के काल में Investment के मूल्य में कमी हो जाने के कारण Bank अपना दिया हुआ Loan वसूल नहीं पाते और उन्हें काफी घाटे का सामना करना पड़ता है।

उपरोक्त गुण-दोषों के आधार पर हम कह सकते हैं कि Mixed Banking बहुत खतरनाक व्यवस्था है और प्रत्येक देश के लिए अपनाना उचित नहीं है। एक समय ऐसा था जब प्रत्येक देश ने इसे अपनाया, परन्तु इसकी ख़ामियों के नजर अंदाज़ होने के बाद इसको कानून द्वारा बंद करवा दिया गया। भारत में भी Banking Companies Act 1949 की धारा 19 में यहाँ की Commercial banks को Long term loan पर रोक लगाने की व्यवस्था कर दी गयी।

आज आपने क्या सीखा

दोस्तों मुझे आशा है कि आपको हमारा आर्टिकल मिश्रित बैंकिंग क्या हैं? मिश्रित बैंकिंग के गुण और दोष (What is Mixed Banking in Hindi) के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी इसके लिए आपको और कहीं जाने की जरूरत नहीं है|

यदि आपके मन में इस Article को लेकर कोई Doubt है या आप चाहते हैं कि इसमें कुछ सुधार होना चाहिए तब इसके लिए आप नीचे Comment लिख सकते हैं जिससे हमें सीखने और सुधारने का मौका मिलेगा |

यदि आपको यह लेख मिश्रित बैंकिंग क्या हैं? मिश्रित बैंकिंग के गुण और दोष (What is Mixed Banking in Hindi) अच्छा लगा और इससे आपको कुछ सीखने को मिला हो तो आप कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook, Twitter इत्यादि पर Share कीजिए |

Leave a Comment