Retail Banking क्या है? ये जानना बहुत जरूरी है क्योंकि रिटेल बैंकिंग को अनेक नामों से जाना जाता है । जैसे: पर्सनल बैंकिंग, फुटकर बैंकिंग, खुदरा बैंकिंग, उपभोक्ता बैंकिंग और व्यक्तिगत बैंकिंग । इन सभी नामों का तात्पर्य एक ही Banking से है इसलिए आज हम लोग इसके बारे में संक्षिप्त में जानने का प्रयास करेंगे ।
रिटेल बैंकिंग क्या है? Retail Banking in Hindi
रिटेल बैंकिंग एक प्रकार का बैंकिंग है जिसमें खुदरा ग्राहकों के साथ सीधा व्यवहार किया जाता है । इस प्रकार के बैंकिंग को उपभोक्ता बैंकिंग (Consumer Banking) या व्यक्तिगत बैंकिंग (Personal Banking) के रूप में जाना जाता है ।
Retail banking से कुछ समय पूर्व Bank केवल उत्पादक क्रियाओं की पूर्ति के लिए ही Loan देते थे, उपभोग की आवश्यकता की पूर्ति के लिए इनके द्वारा Loan नहीं दिया जाता था पर उनके लाभ की सीमा में कमी, बढ़ती लागत, औद्योगिक मंदी, निगमों को दिए गए ऋणों के साथ, NPA में वृद्धि आदि के कारण आजकल bank अपने संसाधनों को फुटकर उधारी में लगा रहे हैं । Bank अपने साधनों को फुटकर उधारी, व्यक्तिगत ऋणों (Personal Loans) जैसे: Education Loan , Home Loan, Auto Loan, White Goods Loan, Credit Card Loan, Travel Loan, आदि की ओर ले जा रहे हैं।
इन प्रकार की बैंकिंग क्रियाओं को हम रिटेल बैंकिंग(Retail Banking) या पर्सनल बैंकिंग (Personal Banking) कहते हैं। Information Technology, Internet Banking, Mobile Banking, ATM, Demat Account आदि के कारण पिछले दो वर्षों में भारत में Retail Banking के क्षेत्र में बहुत तेजी से वृद्धि हुयी है।
रिटेल बैंकिंग के प्रकार (Types of Retail Banking)
- Commercial Banks
- Regional Rural Banks
- Private Banks
- Post Offices
रिटेल बैंकिंग के लाभ (Advantage of Retail Banking)
- बैंकों ने अपने ग्राहकों के साथ अच्छे संबंध विकसित किए। इससे ग्राहक Satisfaction बढ़ा।
- खुदरा बैंकिंग का बैंकों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं के लाभों पर प्रोत्साहन देता है।
- Corporate Banking के विपरीत, खुदरा बैंकिंग, Credit (साख) बनाने के लिए छोटी इकाइयों और व्यक्तियों पर ध्यान रखती है।
- खुदरा बैंकिंग बैंकों के साथ-साथ व्यक्तिगत ग्राहकों के लिए एक अच्छा साधन है।
रिटेल बैंकिंग के हानि (Disadvantage of Retail Banking)
- बैंकों को खुद के लिए वित्तीय उत्पादों को डिजाइन करना बहुत ही महंगा और समय लेने वाला होता है।
- ग्राहक वित्तीय उत्पादों जैसे Mutual funds की ओर ज्यादा ध्यान देते हैं।
- एक लंबे समय से दिया गया आवास ऋण , जो काफी लंबे समय से ना दिया गया हो NPA बन सकता है।
- कोई भी Product खरीदने के लिए Customer बैंक जाने से अच्छा वर्तमान समय में Internet Banking इस्तेमाल करना उचित समझते हैं।
Retail Banking के अंतर्गत आने वाले Product और Services
- Current and Saving Accounts
- Certificate of Deposit (CDs)
- Mortgages
- Credit Cards
- Foreign Currency and Remittance Services
Retail Banking की सेवाएँ
- Stock Brokerage
- Insurance
- Private Banking Facilities
आज आपने क्या सीखा
दोस्तों मुझे आशा है कि आपको हमारा आर्टिकल Retail Banking क्या है? What is Retail Banking in Hindi? के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी ।
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