कंप्यूटर सुरक्षा क्या है | What is Computer Security in Hindi

कंप्यूटर सुरक्षा क्या है? (What is Computer Security in Hindi) इस आधुनिक युग में सारी दुनिया इंटरनेट से आपस में जुड़ी हुई है। ऐसे में अपने Computer Security को मजबूत करना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि आज हमें अगर किसी भी प्रकार की जानकारी की आवश्यकता होती है तो हम इंटरनेट का सहारा लेते हैं। जिसके माध्यम से हमारे कंप्यूटर पर Cyber Attack होने का खतरा बना रहता है। जिसके लिए हमें Cyber Security को मजबूत करने की जरूरत है इसलिए इसे हम Cyber Security in Hindi के नाम से भी जानते हैं।

वर्तमान समय में Cyber Security के साथ-साथ Computer Security भी काफी जरूरी है क्योंकि आजकल Internet और Technology का इस्तेमाल काफी बढ़ चुका है और User अपना Personal Data कई तरह के Devices, Software और अलग-अलग Network के माध्यम से एक दूसरे तक शेयर करते हैं जिसकी कोई गारंटी नहीं है कि वह सुरक्षित है। सबसे पहले ये सवाल आता है की Computer Security को कैसे मजबूत किया जाए ताकि आपका Data सुरक्षित रहे?

कंप्यूटर सुरक्षा क्या है – Computer Security in Hindi

Computer Security को Cyber Security या IT Security के नाम से भी जाना जाता है। यह Information Technology की एक शाखा है जिसे खासकर Computer की सुरक्षा के लिए बनाया गया है। इससे Computer System तथा Data, जिसे ये Store या Access करते हैं, की सुरक्षा होती है। इसे Information Security के रूप में जानी जाती है, जो Computers पर लागू होती है। Computer Security के Objective में शामिल है, Information का चोरी होने से Protect करना।

Computer, हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वह हर प्रकार के कार्य करने में सहायता करता है। इसलिए हम अपने System को Personal और Secure रखना चाहते हैं, ताकि कोई Unauthorised User इसका गलत इस्तेमाल न कर सके और कोई Virus भी System को क्षति न पहुँचा सके।

Computer Security में सुधार करने के लिए आम दृष्टिकोण शामिल कर सकते हैं – 

  • शारीरिक रूप से Computers तक पहुँच को रोकना और उनकी क्षति पहुँचाने से रोकना। 
  • Hardware Device स्थापित करना, जो Unauthorized Computer के Programme पर control कर सके और बचाएँ आश्रित होने से Computer Programs से, जो Computer Security से खेलते हैं।
  •  Operating System को सशक्त करना, जोकि Computer को आश्रित होने से बचाएँ उन Computer Programme से, जो Computer Security से खेलते हैं या उसमें भेद करते हैं।
  • Computer Programming Strategy, जो Computer Programs को भरोसेमंद बनाती है और उसे destructive होने से रोकती है।

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साइबर हमला के स्रोत (Sources of Cyber Attack)

कम्प्यूटर पर मुख्य रूप हमला करने में Virus Program कारगर है। Computer Virus एक Small Software Programme है, जो एक कम्प्यूटर से दूसरे कम्प्यूटर में फैलता है तथा Computer operations में भी Interfere करने की क्षमता रखता है। 

Cyber Attack के हमला के स्रोत निम्नलिखित हैं:

(a) Downloadable Programs: Downloadable Files Virus का सबसे प्रमुख तथा सम्भव स्रोत है। किसी भी प्रकार की Executable File; जैसे- Games, Screen Saver इत्यादि इसके प्रमुख Source हैं। यदि आप किसी Programme को Internet से Download करना चाहते हैं। Download करने से पहले प्रत्येक Programme को Scan करना आवश्यक है।

(b) Cracked Software: ये Software Virus Attacks के अन्य स्रोत हैं। इस प्रकार के Software में Virus तथा bugs, के होने की सम्भावना अत्यधिक होती है। जिन्हें ढूँढकर सिस्टम से दूर करना बेहद कठिन है। इसलिए Internet से सूचना को किसी भी Reliable Source से ही Download करना चाहिए।

(c) E-Mail Attachments: ये Attachment Virus के मुख्य स्रोत होते हैं। इन E-Mail Attachments को आसानी से Handle किया जा सकता है।

(d) Internet: सभी कम्यूटर के Users, Computer Systems पर Virus Attacks से Unaware होते हैं। इंटरनेट पर उपलब्ध Click या Download इत्यादि तत्व ही Virus के फैलने के लिए उत्तरदायी होते हैं।

(e) Booting from Unknown CD: जब भी Computer कार्य नहीं कर रहा होता है उस समय कम्प्यूटर में पड़ी CD को निकाल लेना ही ठीक माना जाता है। यदि हम कम्प्यूटर से CD नहीं निकालते हैं तो यह स्वतः ही Disc में Boot होने लगती है, जिससे Virus Attack की सम्भावना बढ़ जाती है।

Computer Security देने के तरीके 

सुरक्षा प्रदान करने के लिए निम्नलिखित चार तरीके इस्तेमाल किए जाते हैं:

1. System Access Control: ये एक ऐसी System है जो किसी कम्प्यूटर में डेटा का उपयोग या उसमें परिवर्तन करने की अनुमति देता है। आमतौर पर एक User किसी कम्प्यूटर में log-In करता है, जिसके पश्चात् Access Control तय करता है कि उस User के लिए कौन सा Data पहुँच में होना चाहिए और कौन सा नहीं।

2. Data Access Control: कौन सा डेटा, कौन नियन्त्रित कर सकता है? इस बात की निगरानी इस कण्ट्रोल के तहत की जाती है। सिस्टम किसी भी व्यक्ति विशेष, फाइलों तथा अन्य किसी भी Objects की सुरक्षा के स्तरों पर आधारित होकर ही access rules को बनाता है।

3. System & Security Administration: इसके अन्तर्गत Offline Process का Execution होता है। जिससे कोई भी सिस्टम या तो सुरक्षित बनाया जाता है या फिर उसकी सुरक्षा को तोड़ा जाता है।

4. System Design: यह कम्प्यूटर के Hardware तथा Software की basic protection की विशेषताओं से लाभ लेती हैं।

कम्प्यूटर सुरक्षा के घटक (Components of Computer Security)

Computer Security कई प्रकार के Core Sector से सम्बन्धित होती है। Computer Security System के Basic Components इस प्रकार हैं

(a) Confidentiality: किसी भी Information/data के अन्य Illegal person द्वारा Access न होने की घटना को सुनिश्चित करना इसके अन्तर्गत आता है।

(b) Non-Repudiation:Message को भेजने वाला Original Person कहीं अपने Message को स्वयं का होने से न Ignore कर दे। इस प्रकार की सुनिश्चितता को Non-Repudiation कहते हैं।

(c) Authentication: यह computer system को इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति के Legal अथवा Illegal होने को सुनिश्चित करता है।

(d) Access Control: जिस User को जिन resources का प्रयोग करने की अनुमति प्राप्त हो वह केवल उन्हीं Resources को इस्तेमाल करे। इस बात की सुनिश्चितता को Access Control कहा जाता है।

(e) Availability: सभी Systems के कार्य करने के Process का सही होना व किसी भी Legal User को सेवाएं देने से न मना करना। इसे Availability के नाम से जाना जाता है।

(f) Cryptography: किसी सूचना को छिपाकर या Secret तरीके से लिखने की तकनीक को Cryptography कहा जाता है। इसके माध्यम से Internet पर Data Transfer के दौरान Data को सुरक्षित रखा जाता है।

Cryptography में  प्रयोग होने वाले तत्व

Cryptography में  प्रयुक्त होने वाले तत्व निम्नलिखित है:

  1. Plain Text: यह Input के रूप में दिया जाने वाला Original Message होता है।
  2. Cypher: यह bit-by-bit या character-by-character परिवर्तन करने की प्रक्रिया है, जिसमें सन्देश का अर्थ नहीं बदलता।
  3. Cipher Text: यह Coded message या encrypted data होता है जिसे User सीधे-सीधे नहीं पढ़ सकता।
  4. Encryption: Plain Text को Cyber Text में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को Encryption कहते हैं। इसके तहत एक encryption algorithm का प्रयोग होता है।
  5. Decryption: यह Encryption Process का Reverse होता है अर्थात् इसमें cyber text को Plain Text में परिवर्तित किया जाता है।
  6. Stenography: Message को उसके Original रूप को छुपाने की कला को Stenography कहते हैं। यह Data Privacy & Integration में मदद करता है।
  7. Integrity: यह सुनिश्चित करता है कि Information को किसी Illegal User द्वारा इस प्रकार बदला तो नहीं गया कि उसे legal User भी न पहचान सके। Integration Computer Security का एक अत्यन्त महत्वपूर्ण Component हैं।

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कंप्यूटर सुरक्षा के उपाय (Computer Security Threats Solutions)

Windows Firewalls: ये या तो होते हैं Hardware या Software Programme होते है, ये कुछ संरक्षण प्रदान करते हैं Online घुसपैठ से, Windows Firewall एक अवरोध है, जो Internet या किसी अन्य Network से आने वाली जानकारी (जिसे कई बार Traffic कहा जाता है) की जाँच करती है और आपकी Firewall Setting के आधार पर या तो उसे नकार देती है या आपके Computer पर आने की अनुमति देती है.

Firewall अनधिकृत Users को किसी Network या Internet से आपके Computer तक आने से रोककर इसकी सुरक्षा करता है। Windows firewall  Windows XP में अन्तर्निहित होता है और अपने आप चालू हो जाता है, जिससे आपके Computer की वायरसों अन्य सुरक्षा खतरों से रक्षा करने में मदद मिलती है।

Antivirus Software: यह उन Computer Programme से बना होता है, जोकि कार्य करते हैं, Computer Virus को पहचानने का और उसे हटाने का और अन्य Malicious Software (Malware) की पहचान करते हैं। सबसे आधुनिक Antivirus Software निपटने के लिए तैयार रहता है। Worms, Phishing attacks, Rootkits, Trojan Horse व Malware से भी, Antivirus Program Virus, Verse और Trojan Horses देखने के लिए e-mail  और आपके कम्प्यूटर की अन्य फाइलों की जाँच करता है। यदि कोई Virus, Worm या Trojan Horse मिलता है, तो यह आपके Computer को नुकसान पहुँचाए उससे पहले Antivirus Programme या तो इसे रोक कर रखता है या इसे पूरी तरह से हटा देता है।

कई Antivirus Programme में Automatic Updates की क्षमता होती है. जब आपका Antivirus Software Update किया जाता है, तो जाँचने के लिए नए Viruses की एक List जोड़ दी जाती है, जिससे आपका Computer नए Attack से सुरक्षित हो जाता है। Example: Avast Avg, Kaspersky, Symantec, Norton, Mcafee इत्यादि, लोकप्रिय Antivirus Software हैं।

Security Center: यह आपको अपने Computer Security की स्थिति बताता है और वे कार्य दर्शाता है जिनकी आपको अपने कम्प्यूटर को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए आवश्यकता होती है। Security Centre आपके कम्प्यूटर का तीन सुरक्षा अनिवार्यताओं के लिए परीक्षण कर सकते हैं।

  1. Firewall- फायरवॉल अनधिकृत Userओं को आपके कम्प्यूटर पर पहुँचने से रोककर सुरक्षा प्रदान करने में मदद करती है।
  2. Virus Protection Software – Antivirus Software वायरसों और अन्य Security Threats के विरुद्ध आपके कम्प्यूटर को सुरक्षित बनाने में मदद कर सकते हैं।
  3. Automatic Updates – Automatic Updates की सहायता से, Windows आपके कम्प्यूटर के लिए नवीनतम important updates के लिए खोज कर सकते हैं और उन्हें self drive रूप से स्थापित कर सकते हैं।

यदि आपका Computer इन तीनों क्षेत्रों में से किसी एक से बेहतर सुरक्षा प्राप्त कर सकता है, तो security center उसकी खोज कर सकता है. यदि ऐसा है, तो आपको एक चेतावनी दी जाती है।

Safety Warnings: Security Alerts Notification Area में दिखाई देती हैं. यदि security center यह पाता है कि आपके Computer को तीन सुरक्षा क्षेत्रों Firewall, Virus Protection या Automatic Updates में उन्नत सुरक्षा की आवश्यकता हो सकती है, तो जब तक समस्या सुलझ नहीं जाती, आपके द्वारा हर बार Log ON करने पर एक चेतावनी संकेत दिखाई देता है।

Automatic Updates: Microsoft Security के लिए महत्वपूर्ण Updates और ऐसे अन्य Important Updates उपलब्ध करवाता है, जो आपके कम्प्यूटर को इंटरनेट पर फैल सकने वाले नए वायरसों और अन्य सुरक्षा खतरों से सुरक्षित बनाने में मदद करते हैं। अन्य Updates में वे बेहतर सुविधाएँ होती हैं, जैसे नवीनीकरण और वे उपकरण जो आपके कम्प्यूटर को सहजता से चलाने में मदद करते हैं. Automatic Updates उच्च Primary Updates उपलब्ध कराते हैं, जिनमें सुरक्षा और वे अन्य Important Updates शामिल हैं, जो आपके कम्प्यूटर को सुरक्षित बनाने में मदद करते हैं।

Firewall और Antivirus में अन्तर: Firewall किसी Antivirus Software से भिन्न है, परन्तु ये दोनों आपके Computer को सुरक्षित बनाने में मदद करते हैं। आप कह सकते हैं कि Firewall अपरिचितों और अवांछित को आने से रोकती है, जबकि एक Antivirus Programme उन वायरसों या अन्य सुरक्षा खतरों से सुरक्षा करते हैं, जो आपके Computer में घुसने का प्रयास कर सकते हैं।

Firewall: जब कोई व्यक्ति Internet पर आपके Computer से Connect होने का प्रयास करता है, तो हम इस प्रयास को “Unsolicited Request” कहते हैं। जब आपके कम्प्यूटर पर Unsolicited request आती है, तो Windows Firewall Connection को अवरोधित कर देती है। यदि आप कोई ऐसा Programme चलाते हैं, जिसे Internet या Network से Information प्राप्त करनी होती है, जैसे Instant messaging program या कोई Multiplayer network game, तो Firewall आपसे Connection को blocked या Unblocked करने (अनुमति देने) के बारे में पूछती है। यदि आप Connection को Unlocked करना चुनते हैं, तो Windows Firewall एक Exception बनाती है, ताकि जब भी Programme को भविष्य में सूचना प्राप्त करने की आवश्यकता हो, तो Firewall से आपको कोई परेशानी न हो।

इसका Primary Function Incoming तथा Outgoing Network Traffic को, Data Packets Analysis द्वारा Control करना है। Firewall में Proxy Server के साथ कार्य करना या सम्मिलित होना भी होता है, ताकि वह नेटवर्क की सभी जरूरतों को Workstation Users के लिए पूरा कर सके।

Cryptographic Technology: इसे Data की रक्षा करने के लिए Cryptography का प्रयोग किया जा सकता है। Infection से बचाव के लिए और संचार में strong certification सुनिश्चित करने के लिए भी इस Technique का इस्तेमाल किया जा सकता है। सुरक्षित Crypto Processors का उपयोग किया जाता है। Security Techniques की सहायता के लिए, जोकि खुद Computer की Security System हैं।

Honey Pot: ये वे Computer हैं कि जानबूझकर या अनजाने में छोड़ते हैं कुछ जानकारी Crackers के हमले के लिए हैं, जिससे कि वो पकड़ सके अपनी कुछ सुरक्षा कमजोरियाँ।

Digital Signature: यह Signature का Digital Form है जिसे sent किए गए Message को प्रमाणित करने के लिए प्रयोग किया जाता है तथा यह Document के Original होने को भी सुनिश्चित करता है।

Digital Certificate: Digital Certificate Security उद्देश्यों के लिए Electronic Messages में प्रयुक्त होने वाली Copy है। Digital Certificate, किसे Send किया गया था व इसे किसने Send किया था इत्यादि Information इसमें सम्मिलित होती है। 

Cyber Crime क्या है (What is Cyber Crime in Hindi)

इसमें सभी अपराध व अपराधी शामिल हैं, जो Communication Devices की सहायता से Computer और उसके Network पर किए जा सकते हैं। उदाहरण के लिए- Internet, Telephone Line या Mobile Network पर किए अपराध को भी सम्मिलित करता है –

  • Spamming और Copyright अपराध 
  • Unauthorized Access, Malicious Computer Program Code,
  • सेवा में चोरी (विशेष रूप से, दूरसंचार धोखाधड़ी) और कुछ Financial Scam
  • Hacking Phishing, पहचान की चोरी, बाल अश्लील साहित्य, Online Gambling, Securities Fraud

Computer Security में बाधक कारण क्या है?

Computer Security में बाधक कारण निम्नलिखित है?

Virus: Virus विनाशक या Misleading program होते हैं, जो Internet पर या किसी Network पर एक Computer से दूसरे Computer पर फैलते हैं। Virus अन्य फाइलों से Attached हो जाते हैं या स्वयं को सामान्य रूप से दिखाई देने वाली फाइल के रूप में छुपा लेते हैं। वे स्वयं की Copy बना सकते हैं और आपके Computer के विभिन्न भागों जैसे Documents, Programme और आपके Operating System के भागों को Infect कर सकते हैं। 

अधिकतर Virus स्वयं को किसी फाइल या आपकी Hard Disc के किसी भाग से अनुलग्न कर लेते हैं और तब Operating System के भीतर अन्य स्थानों पर अपनी Copy बनाते हैं। कुछ Virus में कोड होता है, जो फाइलों को हटाकर या Security Settings का स्तर घटाकर, अन्य आक्रमणों को आमन्त्रित कर अधिक Destruction का कारण बनता है। Example- Creeper, Melissa, I Love You, Code Red, Trojan Horses etc.

Worms: Worms एक ऐसा Programme है, जो अपनी Copies तैयार करता है और Operating System के बाहर भी फैल सकता है। यह E -mail या अन्य परिवहन युक्तियों का उपयोग कर भी एक Computer से दूसरे Computer पर जा सकता है.

Worms आपके Computer Data और Security को लगभग उसी प्रकार से नुकसान कर सकता है जैसे- Virus, परन्तु ये Virus से इस प्रकार भिन्न हैं कि वे एक System से दूसरे System में स्वयं की Copy बना सकते हैं.

Trojan Horse: Trojan Horse एक Harmless Programme है, जो इस प्रकार बनाया जाता है कि आप यह सोचने लगें कि आपको इसकी आवश्यकता है, पर जब आप इसे चलाते हैं, तो यह नुकसान पहुंचाता है। यह सामान्यतः Internet से Downloads के साथ आता है। Trojan Horse Virus और Worms की तरह अपने आप नहीं फैलते अधिकतर Virus Protection Programs केवल एक सीमित संख्या में ही Trojan Horse को ढूँढ सकते हैं। अपने Computer को Trojan Horse से सुरक्षित रखने का अच्छा तरीका है केवल भरोसेमंद Websites पर ही जाना और चीजों को तब तक Downloads करने से बचना जब तक कि आपको उनके स्रोत के बारे में भी भरोसा न हो।

Hacking: Network से जुड़े Computer में घुसपैठ करने की प्रक्रिया को Hacking कहते हैं। Hacking DOS (Denial of Service) Attack का परिणाम भी हो सकता है। यह कम्प्यूटर के सभी Resources को Valid Users द्वारा इस्तेमाल करने से दूर रखती है। इस प्रक्रिया को अन्तिम चरण तक पहुंचाने वाले व्यक्ति को Hacker कहते हैं।

Crackers: ये मुख्यतः वह होते हैं, जोकि Computer Security में डाले गए secret code को तोड़कर उसकी Security में घुश हैं। इस प्रकार के Software या उनके Component को तोड़ने की प्रक्रिया को Cracking कहते है है। ये secret code को तोड़कर computer और उसके Programmes को सार्वजनिक भी कर देते हैं। इसमें Password, Cracker, Trojans, Viruses, War Dialer इत्यादि सम्मिलित हैं।

Phishing: कम्प्यूटर की Sensitive Information को धोखेबाजी से प्राप्त करने की कोशिश करना इत्यादि विशेषताओं को Phishing कहते हैं। इसके अन्तर्गत Passwords, Credit Card Details इत्यादि सम्मिलित हैं। यह एक प्रकार का Internet Fraud (धोखा) है, जिसमें User को बहकाकर उसके सभी Credentials को प्राप्त कर लिया जाता है।

Spam: यह एक प्रकार से Messaging Systems का दुरुपयोग है, जिसके अन्तर्गत Unwanted Messages को E-mails के रूप में भेजा जाता है।

Adware: यह एक ऐसा software package है, जोकि Advertisement को स्वतः ही टुकड़े-टुकड़े कर Screen पर दिखाया है। इसे अधिकांशतः Unwanted Advertisements को दिखाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

Rootkits: यह एक प्रकार का Malware है, जिसके द्वारा किसी Computer System में administrative level की control प्राप्त की जाती है व इसकी जानकारी किसी को भी नहीं होती है। Rootkits को निकालना बेहद मुश्किल होता है तथा कभी-कभी पूर्णतः Operating System के reinstall की भी आवश्यकता होती है।

Security Exploit: एक Security Exploit  व तैयार Applications है, जोकि लाभ लेता है जानी गई कमजोरियों का।

Vulnerability scanner: एक Scanner Applications है, जोकि Computer Security को भेदता है, Computer Network की Weakness को जानकर Haker सामान्यतः प्रयोग में लाते हैं Port Scanner है जो यहाँ जाँचते हैं कि किन Computer की Network security system कमजोर हो और उसकी सुरक्षा में भेद लगाते हैं।

Packet Sniffer: यह Computer के secret code को जानकर computer पर Control करने की कोशिश करते हैं।

Spoofing Attack: Unauthorized Data को उसके Authorized User की जानकारी के बिना Access करने की Technology को Spoofing कहते हैं। यह नेटवर्क पर विभिन्न Resources को Access करने के लिए भी इस्तेमाल होती है। IP Spoofing भी इसका एक प्रकार है।

Salami Techniques: इसके अन्तर्गत System द्वारा संभाली गई धनराशि के एक बड़े हिस्से से छोटे हिस्से को अलग किया जाता है।

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कम्प्यूटर सुरक्षा सम्बन्धित जानकारियाँ (Computer Security Related Informations) 

  1. Proxy Server: Proxy Server को “Proxy or Application-Level Gateway” भी कहा जाता है। यह User एवं Server के मध्य कार्य करता है। यह Network के सही Address को Hide करता है और नेटवर्क में आने-जाने वाले सभी Messages को Intercept करता है।
  2. Application Gateway: यह कुछ Specific Applications पर Security Procedure को लागू करता है। इन Specific Applications में File Transfer Protocol तथा Telnet Services इत्यादि सम्मिलित हैं।
  3. Time Bomb: यह Software का हिस्सा है, जोकि किसी विशेष समय पर Active होता है।
  4. Logic Bomb: यह एक Code होता है, जिसे Computer Memory में जान-बूझकर डाला जाता है। जोकि Favorable Conditions के मिलते ही हानिकारक रूप से सक्रिय हो जाते हैं। ये Code अपनी Duplicate तैयार करने में सक्षम नहीं होते हैं।
  5. Patches: यह Software का एक ऐसा भाग होता है जिसे उस Software में सुधार करने के लिए बनाया जाता है।
  6. Masquerading: इसमें Attacker Valid User होने का Acting करता है व Illegal रूप से विशेषाधिकार प्राप्त कर लेता है।
  7. Eavesdropping: इसमें Attacker Transmit होने वाले Messages के Content की निगरानी करता है।
Frequently Asked Questions
किसे कंप्यूटर खतरो का वर्ग माना जा सकता है?

उत्तर: Dos Attack

किसे अनसोलिसिटेड कमर्शियल ईमेल कहा जाता है?

उत्तर: Spam

यह एक प्रकार का सॉफ्टवेयर है जिससे यूजर के कंप्यूटर को वायरस का पता लगाने और उसे बचाने में मदद करने के लिए बनाया गया है?

उत्तर: Antivirus

वह सॉफ्टवेयर प्रोग्राम या हार्डवेयर डिवाइस जो इंटरनेट, नेटवर्क आदि के माध्यम से आने वाले सभी डाटा पैकेट को फिल्टर करता है उसे क्या कहते हैं?

उत्तर: Firewall

मैसेज की सत्यता को सत्यापित करने के लिए उपयोग की जाने वाली तकनीक को क्या कहते हैं?

उत्तर: Message Digest

वाई-फाई हैकिंग की प्रक्रिया में आमतौर पर किसका उपयोग किया जाता है?

उत्तर: Aircrack-ng

एथिकल हैकिंग और साइबर सुरक्षा में कितने प्रकार की स्कैनिंग होती है?

उत्तर: 3

पहला कंप्यूटर वायरस कब बनाया गया था?

उत्तर: 1971

आज आपने क्या सीखा

दोस्तों मुझे आशा है कि आपको हमारा आर्टिकल कंप्यूटर सुरक्षा क्या है? (What is Computer Security in Hindi) के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी इसके लिए आपको और कहीं जाने की जरूरत नहीं है|

यदि आपके मन में इस Article को लेकर कोई Doubt है या आप चाहते हैं कि इसमें कुछ सुधार होना चाहिए तब इसके लिए आप नीचे Comment लिख सकते हैं आपकी इन्हीं विचारों से हमें कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मौका मिलेगा।

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