Data Link Layer in Hindi | डाटा लिंक लेयर क्या है

आज हम लोग इस आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे कि Data link layer in Hindi क्या है? जिसमें हम लोग जानेंगे कि Data link layer एक Program Protocol layer है जो Network में एक Physical link में बाहर डाटा को ट्रांसफर करने का काम करते हैं और इसमें हम लोग जानेंगे कि इसके लाभ, हानि और इसकी विशेषताएं क्या-क्या है?

Internet Model में Data Link Layer, Network Layer और Physical Layer के मध्य स्थित होती हैं। यह Physical Layer से सेवा प्राप्त करती हैं और Network Layer को सेवाएँ प्रदान करती हैं। 

डाटा लिंक लेयर क्या है (What is Data Link Layer in Hindi)

Data Link Layer एक Computer अथवा Router से अगले Computer या Router तक Packet को स्थानांरित किए जाने के लिए जिम्मेदार होती हैं। Network Layer के विपरीत जिस पर global responsibility होती हैं, Data Link Layer स्थानीय स्तर पर जिम्मेदार होती हैं। इसकी जिम्मेदारी दो Computers के मध्य स्थित होती हैं। दूसरे शब्दों में, चूँकी Internet में LAN और WAN की सीमाएँ Computer तय करते हैं, हम यह कह सकते हैं कि Data Link Layer की जिम्मेदारी किसी Packet को LAN या WAN के माध्यम से स्थनांतरित करना हैं ।

Type of Data Link Layer in Hindi | डाटा लिंक लेयर के प्रकार

इसके मुख्यतः दो प्रकार होते हैं जिसे हम Sublayer भी कहते हैं।

  1. Media Access Control (MAC)
  2. Logical Link Control (LLC)
  1. Media Access Control (MAC): इसे Data link layer का पहला Sublayer  कहा जाता है। Media को Control करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
  2. Logical Link Control (LLC): इसे Data link layer का दूसरा Sublayer कहा जाता है। डाटा के Flow को Control करने के लिए और Error को Control करने के लिए इसका उपयोग करना आवश्यक है।

डाटा लिंक लेयर द्वारा उपलब्ध सेवाएँ (Services of Data Link Layer)

  1. Packaging
  2. Addressing
  3. Error Control
  4. Flow Control
  5. Medium Access Control

1. Packaging: Data Link Layer Data को एक दूसरे Computer तक ले जाने के लिए जिम्मेदार होती हैं। अगले Computer तक जाने के लिए डाटा को एक LAN अथवा एक WAN के माध्यम से जाना होता हैं। इनमें से प्रत्येक के अपने Protocol होते हैं। Upper Layer से आने वाला Packet ऐसे बहुत सारे पैकेट में encapsulated होना चाहिए, जो वर्तमान LAN अथवा WAN की Data Link Layer द्वारा परिभाषित हो । Data Link Layer में Packet के लिए विभिन्न Protocols के पास अलग-अलग नाम होते हैं।

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2. Addressing: Data Link Layer पर हमें एक addressing method की आवश्यकता होती हैं। data link layer addresses को Physical Addresses या MAC Addresses कहते हैं तथा इन्हें एक Computer से दूसरें Computer में डिलिवरी के समय अगले Computer का address खोजने के लिए प्रयुक्त किया जाताहैं। LAN जिस Physical Address का उपयोग करता है, वह WAN द्वारा प्रयुक्त किए जाने वाले Physical Address से पूरी तरह से भिन्न होता है। एक LAN virtual circuit address का उपयोग करता है।

3. Error Control:  Data Communication में Error से बचा नहीं जा सकता हैं। better equipment और more reliable transmission medium का उपयोग करते हुए Errors के उत्पन्न होने की frequency या उस की गंभीरता को कम किया जा सकता है, परन्तु यह इसे पूरी तरह से डाटा हटा नहीं सकता है। Networks में एक से दुसरी Device तक डाटा को सम्पूर्ण शुद्धता के साथ Transfer किए जाने की क्षमता होनी चाहिए।

4. Flow Control: Data Link Layer की एक अन्य जिम्मेदारी Flow Control हैं। अधिकांश Protocol में Flow Control ऐसी प्रक्रियाओं का एक समूह होता है, जो भेजने वाले को यह बताता हैं कि वह recipient से Acknowledgment मिलने की प्रतीक्षा करने के पूर्व कितना डाटा भेज सकता है। डाटा के Flow को इतनी अनुमति नहीं दी जा सकती है कि वह ग्रहण करने वाले पर अत्याधिक दबाव बना दें। Data flow एक सीमा तक पहुँचने के पूर्व ही, ग्रहण करने वाली Device, भेजने वाले को Information दे देता है।

5. Media Access Control: जब Computer किसी Shared Media का उपयोग करता है, तो किसी भी समय मीडियम पर Access Control की तकनीक होनी चाहिए। किसी Network पर संघर्ष अथवा टकराव को रोकने के लिए मीडियम होनी चाहिए । किसी नेटवर्क पर संघर्ष अथवा टकराव को रोकने के लिए Media Access Control (MAC) विधि की आवश्यकता होती है।

डाटा लिंक लेयर का कार्य (Functions of Data link Layer in Hindi)

डाटा लिंक लेयर के कार्य निम्न प्रकार है:

फ्रेमिंग (Framing): डाटा लिंक लेयर नेटवर्क लेयर से पैकेज लेकर उन्हें कुछ फ्रेम में बांट देता है फिर यह एक-एक करके यह सारे फ्रेम को हार्डवेयर में भेजने का कार्य करता है। फिर वहां पर डाटा लिंक लेयर हार्डवेयर से सिग्नल लेकर उन्हें फ्रेम में बदल देता है।

ऐड्रेसिंग(Addressing): डाटा लिंक लेयर “Layer-2 Hardware Addressing Mechanism” पर पूरी तरह से काम करता है। इसमें Link के अंदर Hardware Address जो कि यूनिक होता है। यह एड्रेस इन हार्डवेयर को बनाते समय उन पर अंकित कर दिया जाता है।

सिंक्रोनाइजेशन (Synchronization): जब Dataframe को Link के अंदर भेज दिया जाता है। तब दोनों मशीन आपस में synchronize  होने चाहिए नहीं तो एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम में टाटा का ट्रांसफर होना संभव नहीं हो पाता है।

एरर कंट्रोल (Error Control): कभी-कभी सिग्नल के Transition में दिक्कत आ जाती है क्योंकि बीच में कुछ गड़बड़ी के कारण ऐसा होता है। इस स्थिति में समस्या को ठीक करने के लिए असली Data bit को Recover करने का प्रयास किया जाता है। इसके साथ ही डाटा भेजने वाले को इस error की सूचना भेज दी जाती है।

मल्टी एक्सेस (Multi Access): जब सब Shared link के अंदर उस डाटा को Transfer करने का प्रयास करता है। तब इसके आपस में टकराने की संभावनाएं बढ़ जाती है। डाटा लिंक लेयर CSMA/CD का Mechanism देता है। जो Multiple System में शेयर किए गए Data को Access करने में सक्षम बनाता है और आपस के Collision को भी रोकता है।

डाटा लिंक लेयर के लाभ (Advantages of Data Link Layer in Hindi)

  • Data Link Layer Data packets को Framing प्रदान करता है, जिसका अर्थ है कि यह Data को Transmission के लिए Manageable Portions में Distribute करती है। यह error का पता लगाने और improvement करने में सफल रहता है, जिससे data की reliability में सुधार होता है।
  • Data link layer Error Detection और Correction के लिए Mechanism प्रदान करता है, जो यह सुनिश्चित करता है कि Data सही तरीके से Transfer हो।
  • Data link layer नेटवर्क पर दो Nodes के बीच Data के flow का Management करती है। यह सुनिश्चित करता है कि Receiver Data से Overwhelmed नहीं है और इसे Manageable Speed से Processed कर सकता है।
  • Data link layer नेटवर्क को Access Control प्रदान करती है, जिसका अर्थ है कि यह नेटवर्क पर विभिन्न Nodes के बीच Data flow को Control करती है।
  • Data link layer Packet Switching और error correction जैसी Technology का उपयोग करके Data Transmission की capacity में सुधार कर सकती है।
  • Data link layer, Network layer और Physical layer के बीच एक Standard Interface प्रदान करती है, जो यह सुनिश्चित करती है कि Different Manufacturers के Device Interoperate कर सकते हैं।

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डाटा लिंक लेयर की हानि (Disadvantages of Data Link Layer in Hindi)

  • धीमा Receiver होने के बाद भी डाटा के ट्रांसमिशन को कैसे तेज गति से बनाए रखा जाए इसकी सबसे बड़ी समस्या है इसमें एक Traffic को Regulate करने वाले Mechanism की जरूरत हमेशा होती है जो यह बता सके कि आप अभी Receiver के पास कितना Buffer Space पर आ रहा है
  • Data link layer उस भौतिक माध्यम द्वारा सीमित होती है जिसका उपयोग वह transfer के लिए करता है। 
  • दो Nodes के बीच की अधिकतम दूरी Cable की लंबाई तक सीमित है, और यह Signal Power की लंबी दूरी पर कम हो सकती है।
  • Data link layer की एक सीमित Bandwidths होती है क्योंकि इस Physical Medium को Network पर अन्य Nodes के साथ Share करने की आवश्यकता होती है। इस Sharing से Collision हो सकता है, जिससे Presentation खराब हो सकता है।
  • Physical Layer की तुलना में Data Link Layer अपेक्षाकृत Complex है। इसे अपने कार्यों को करने के लिए अधिक Processing Power और resources की आवश्यकता होती है।
  • Data link layer बहुत कम Security Services प्रदान करती है। इसका अर्थ है कि Unauthorised Users द्वारा Data को आसानी से Intercept या Revised किया जा सकता है।
  • Data link layer Transmit  होने वाले Data में Additional Overhead जोड़ती है, जो नेटवर्क की Overall efficiency को कम करती है।
Frequently Asked Questions
डेटा लिंक लेयर का उद्देश्य क्या है?

उत्तर: डेटा लिंक लेयर का मुख्य उद्देश्य डेटा का सुरक्षित रूप से ट्रांसमिशन करना है और दोनों उपकरणों के बीच सुरक्षित रूप से आवश्यक technical connection देना है।

डेटा लिंक लेयर OSI मॉडल की कौन सी परत है?

उत्तर: डेटा लिंक लेयर OSI मॉडल की दूसरी परत हैं।

डेटा लिंक लेयर के उपकरण किसे कहते हैं?

उत्तर: डेटा लिंक लेयर के उपकरण Network Interface Card (NIC) को कहते हैं।

डाटा लिंक लेयर के क्या कार्य हैं?

उत्तर: डाटा लिंक लेयर के कई महत्वपूर्ण काम है जिसमें से फ्रेमिंग त्रुटि का पता लगाना उसे सुधार करना प्रभा नियंत्रण और अधिगम नियंत्रण जिसमें मुख्यतः शामिल है।

आज आपने क्या सीखा

दोस्तों मुझे आशा है कि आपको हमारा आर्टिकल डाटा लिंक लेयर क्या है? (What is Data link layer in Hindi) के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी इसके लिए आपको और कहीं जाने की जरूरत नहीं है|

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