आज के आधुनिक वित्तीय युग में बैंकिंग सेक्टर में लगातार बदलाव हो रहे हैं। पहले बैंक सिर्फ पैसे जमा करने और निकालने की सेवाएं देते थे, लेकिन अब बैंकिंग का दायरा बहुत बढ़ गया है। इसी विस्तार का एक आधुनिक मॉडल है – Universal Banking।
Universal Banking वह व्यवस्था है, जिसमें एक ही बैंक सभी प्रकार की Financial Services देता है – जैसे Traditional Banking, Investment Services, Insurance, Agent Management, Merchant Banking और Foreign Currency Services। इसे आप “One Stop Financial Solution” भी कह सकते हैं।
जब भी कभी बैंकिंग की बात आती है तो कही न कही Universal Banking का नाम एक बार Banking में जरूर आता है इसलिए आज हम Universal Banking के बारे में जानेगे की Universal Banking kya hai .
यूनिवर्सल बैंकिंग का इतिहास
Reserve Bank ने दिसम्बर 1997 में, S. H. Khan, तत्कालीन अध्यक्ष एवं प्रवन्ध निदेशक औद्योगिक विकास बैंक (Industrial Development Bank) की अध्यक्षता में एक कार्यदल गठित किया जिसका उद्देश्य मौद्रिक आर्थिक सुधारों की नयी पृष्ठभूमि में विकास वित्तीय संस्थाओं (Development Financial Institutions) और Commercial Banks की भूमिका, संरचना तथा परिचालकों की समीक्षा करना तथा, उनकी भूमिका तथा परिचालनों में सामंजस्य स्थापित करना था। इस कार्यदल ने 1998 में दी गयी अपनी रिपोर्ट में, इस उद्देश्य के लिए Universal Banking और एक कारगर नियामक ढाँचे के विकास के लिए निरन्तर प्रयास किए जाने की सिफारिश की।
अंतरिम तौर पर समिति ने यह सुझाव दिया कि विकास Financial Institution को Banking कार्य, 100 प्रतिशत जमा पूंजी से करने की अनुमति प्रदान की । इसके पूर्व द्वितीय नरसिम्हम समिति ने अप्रैल 1998 में प्रस्तुत अपनी रिपोर्ट में यह विचार व्यक्त किया कि विकास Financial Sector आगे चलकर स्वयं को बैंकों के रूप में परिवर्तित कर लें और Commercial Banks पर यथा लागू नियम एवं विवेक पूर्ण मानदण्डों के समरूप अनुशासन के भीतर रहें।
Note: 19वीं सदी में शुरुआत: Universal Banking की अवधारणा सबसे पहले यूरोप में, खासकर जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड में लोकप्रिय हुई। जर्मन बैंक जैसे Deutsche Bank, Dresdner Bank ने अपने ग्राहकों को Banking के साथ Investment और अन्य सेवाएं देना शुरू किया। 20वीं सदी में विस्तार: अमेरिका और एशियाई देशों में भी यह मॉडल अपनाया गया। भारत में शुरुआत: भारत में Universal Banking की चर्चा 1990 के बाद तेज हुई, जब RBI ने निजी बैंकों और Financial Institutions को विस्तार की अनुमति दी। |
यूनिवर्सल बैंकिंग क्या है? Universal Banking in Hindi
“Universal Banking वह प्रणाली है जिसमें एक बैंक अपने ग्राहकों को विभिन्न Financial Services का पूरा पैकेज उपलब्ध कराता है, ताकि उन्हें अलग-अलग संस्थानों के पास जाने की आवश्यकता न हो।”
इसका मतलब है –
- Saving और Current Account
- Loan और Credit
- Insurance
- Mutual Funds
- Stock Trading
- विदेशी मुद्रा लेन-देन, सब कुछ एक ही जगह से किया जा सकता है।
आसान भाषा में कर सकते हैं कि, बैंक के सभी सुविधाओं को एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराने की प्रक्रिया को यूनिवर्सल बैंकिंग कहते हैं।
Universal Banking के प्रकार
- Full-Service Universal Banking: बैंक सभी प्रकार की सेवाएं देता है – Retail Banking, Corporate Banking, Investment, Insurance, Forex.
- Partially Integrated Universal Banking: बैंक कुछ सेवाएं खुद देता है और कुछ सेवाओं के लिए Associate companies का उपयोग करता है।
- Holding Company Model: एक parent company होती है जो कई वित्तीय संस्थानों को नियंत्रित करती है – बैंक, बीमा कंपनी, म्यूचुअल फंड कंपनी आदि।
Universal Banking की मुख्य विशेषताएं
- Miscellaneous Financial Services – एक ही संस्थान में बैंकिंग, बीमा, निवेश, विदेशी मुद्रा, लोन आदि।
- Customer Care – ग्राहकों को अलग-अलग संस्थानों में जाने की जरूरत नहीं।
- लागत में कमी – बैंकों के लिए संचालन लागत कम होती है और मुनाफा बढ़ता है।
- Technology Based Services – इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग, Digital Payment, ATM Network ।
- Integrated Management – वित्तीय उत्पादों और सेवाओं का केंद्रीकृत प्रबंधन।
>> Commercial Bank क्या है और इसके क्या कार्य है?
>> Commercial Paper और Certificate of Deposit में क्या अंतर है?
>> Garnishee Order क्या है और इसके नियम हिंदी में
यूनिवर्सल बैंकिंग कैसे काम करती है
- यूनिवर्सल बैंक credit, loans, deposits, asset management, investment advice, payment processing, securities transactions, और financial analysis की पेशकश कर सकते हैं। जबकि एक universal banking system बैंकों को कई प्रकार की सेवाएं प्रदान करने की अनुमति देती है।
- यह एक वाणिज्यिक बैंक और एक निवेश बैंक की सेवाओं को जोड़ती है, जो एक इकाई के भीतर से सभी सेवाएं प्रदान करती है। सेवाओं में जमा खाते, विभिन्न प्रकार की निवेश सेवाएं शामिल हो सकती हैं और बीमा सेवाएं भी प्रदान कर सकती हैं। एक सार्वभौमिक बैंक के भीतर Saving Account और Cheque शामिल होते हैं।
- बैंक किसी भी दिशानिर्देशों का पालन करने की अपेक्षा करती है, जो संपत्ति और लेनदेन के उचित प्रबंधन को नियंत्रित या निर्देशित करते हैं।
- सार्वभौमिक बैंक के निर्माण में कई बाधाओं को हटा दिया गया है, हालांकि वे अभी भी उतने प्रचलित नहीं हैं जितने कि वे कई यूरोपीय देशों में हैं। इसके अलावा, संयुक्त राज्य अमेरिका में ऐसे बैंक हैं जो विशुद्ध रूप से निवेश पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जो कि दुनिया के बाकी हिस्सों में बेहद असामान्य है।
यूनिवर्सल बैंकिंग के लाभ (Advantage of Universal Banking)
ग्राहकों के लिए फायदे
- सुविधा – एक ही जगह से सभी सेवाएं।
- समय की बचत – अलग-अलग संस्थानों में जाने की जरूरत नहीं।
- बेहतर ब्याज दरें और ऑफर – बैंक package deals दे सकते हैं।
- सुरक्षा और भरोसा – एक ही बैंक के साथ लंबे समय तक संबंध।
बैंकों के लिए फायदे
- Cross Selling – एक ही ग्राहक को कई सेवाएं बेचना।
- लागत में कमी – साझा infrastructure।
- राजस्व में वृद्धि – कई स्रोतों से आय।
- competitive edge – अन्य बैंकों से आगे निकलना।
>> Branchless Banking (शाखा रहित बैंकिंग) क्या है?
>> Indian Bill Market क्या हैं? What is Indian Bill Market in Hindi?
यूनिवर्सल बैंकिंग के हानि (Disadvantage of Universal Banking)
ग्राहकों के लिए नुकसान
- एक ही संस्थान पर निर्भरता – यदि बैंक को समस्या हो तो सभी सेवाएं प्रभावित।
- सेवा शुल्क अधिक – कुछ पैकेज महंगे हो सकते हैं।
- डेटा प्राइवेसी जोखिम – सभी वित्तीय जानकारी एक ही जगह स्टोर।
बैंकों के लिए नुकसान
- Regulatory Challenges – कई क्षेत्रों में नियमों का पालन करना कठिन।
- Centralization of Risk – एक ही जगह पर बहुत ज्यादा ऑपरेशन होने से जोखिम बढ़ता है।
- Technology and Infrastructure Costs – शुरुआत में निवेश बहुत अधिक।
- Universal Banking बहुत बड़े बैंकों द्वारा उठाया गया कदम होता है। अगर यह विचार बैंक Fail हो जाए तो इसका बहुत बड़ा असर हमारी Banking System और हमारी देश की Economy पर पड़ेगा। उदाहरण के लिए Layman Brothers एक बहुत बड़ा Universal Bank fail हो गया।
- Universal Bank बहुत बड़े होते हैं इसलिए यह आसानी से बाजार में अपना वर्चस्व कायम कर लेते हैं। जिसका प्रभाव अन्य बैंकों पर पड़ता है। यह देश के आर्थिक विकास के लिए उपयुक्त नहीं है।
इससे स्पष्ट है कि इस स्थिति की प्राप्ति पर दो ही वित्तीय मध्यस्थ रह जायेंगे – Banking companies तथा Non banking financial companies। ऐसी विकास वित्तीय संस्थाओं को जो बैंकों के रूप में परिवर्तित नहीं होता उन्हें गैर बैंकिंग वित्तीय कम्पनियों के रूप में वग्रीकृत किया जाय।
इस प्रकार अन्ततोगत्वा केवल Bank और Non banking financial company ही रह जायेंगी। इस स्थिति में बैंक का एक अधिक व्यापक स्वरूप सामने आयोगा जिसमें Commercial Banking तथा Development Banking के कार्य समाहित होंगे।
Universal Banking in Foreign Countries
Bank of America, Citigroup, JPMorgan Chase, BNP Paribas, Credit Agricole and Societe Generale of France; Barclays, HSBC, Lloyds Banking Group, NatWest Group and Standard Chartered of the United States और संयुक्त राज्य अमेरिका के wells fargo शामिल हैं ।
Universal Banking in India
- HDFC Bank – बैंकिंग के साथ Insurance, Mutual Fund और Loan services।
- ICICI Bank – Retail Banking, Insurance, Investment Banking, Wealth Management।
- State Bank of India (SBI) – Banking, Life Insurance, General Insurance, Mutual Funds।
- Axis Bank – Banking, Credit Cards, Insurance, Investment Services।
भारत में Universal Banking का भविष्य
1. डिजिटल बैंकिंग का बढ़ता उपयोग: UPI, Net Banking, Mobile Banking की वजह से Universal Banking का दायरा बढ़ेगा।
2. Fintech और Bank का सहयोग: Fintech कंपनियां बैंकों के साथ मिलकर नई सेवाएं देंगी।
3. ग्रामीण क्षेत्रों में विस्तार: सरकार की Financial Inclusion Schemes से Universal Banking ग्रामीण इलाकों में भी पहुंचेगी।
4. नियामक सुधार: RBI और SEBI के नियम Universal Banking को सुरक्षित और स्थिर बनाएंगे।
Frequently Asked Questions
वन-स्टॉप शॉप
ICICI Bank (जो मार्च 2002 में, ICICI Limited में विलय होने के बाद एक बड़े bank के रूप में उभरा )
Yes
निष्कर्ष
Universal Banking आधुनिक वित्तीय जगत का एक प्रभावी और Customer-centric model है। इसमें ग्राहक को एक ही छत के नीचे बैंकिंग, बीमा, निवेश और अन्य वित्तीय सेवाएं मिलती हैं।
भारत में HDFC, ICICI, SBI जैसे बैंक इस मॉडल को सफलतापूर्वक लागू कर रहे हैं।
हालांकि, ग्राहकों को इसे अपनाने से पहले सेवा शुल्क, डेटा सुरक्षा और बैंक की विश्वसनीयता जैसे पहलुओं पर ध्यान देना चाहिए। भविष्य में Digitalization और Fintech साझेदारी से Universal Banking और अधिक सुलभ और लोकप्रिय हो जाएगी।
इन्हें भी पढ़ें :