NBFC क्या है? (गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां क्या है?) यह जानना आपके लिए बहुत जरूरी है क्योंकि हमारे देश की अर्थव्यवस्था में इसका बहुत बड़ा योगदान है। जिस प्रकार से बैंक देश की अर्थव्यवस्था में सहयोग करती है ठीक उसी प्रकार से इसका काम भी हमारे देश की अर्थव्यवस्था को सुचारू रूप से चलाना है। आज हम लोग इस आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे कि एनबीएफसी क्या है? NBFC full form क्या है, इसके कितने प्रकार होते हैं? इसके क्या कार्य हैं और यह किस प्रकार से काम करती हैं? तो बिना समय बर्बाद किये चलते हैं अपने टॉपिक की तरफ।
एनबीएफसी का फुल फॉर्म Non Banking Financial Companies होता है । इसका हिंदी अर्थ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी होता है । बैंक की तरह काम करने वाले इन गैर बैंकिंग कंपनियों को दुनिया भर में “शैडो बैंकिंग सिस्टम” के नाम से जाना जाता है । यह एक तरह की कंपनी है जो वित्तीय लेनदेन का कार्य करती हो और यह वास्तविक रूप से बैंक नहीं होती है ।
एनबीएफसी क्या है? (What is NBFC in Hindi)
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी उस कंपनी को कहते है, जो Companies Act, 1956 के तहत Register हो। जो आपको Non Banking का सुविधा प्रदान करती है । इसका मुख्य व्यवसाय उधार देना, विभिन्न प्रकार के Shares / Stocks / Bonds / Debentures / Securities, Leasing Business, Higher Purchase Insurance Business, Chit Related Business में निवेश करना है।
NBFC जो है सभी बैंकों की तरह ही होती है। यह एक तरह से लोगों का पैसा जमा करने का काम करती है फिर उन्हें तरह-तरह के ऋण प्रदान करती है या एक तरह का Financial institution होता है। जो बैंक की तरह काम करता है लेकिन यह बैंक नहीं होता हैं।
NBFC प्रायः उन क्षेत्रों के लिए Loan की व्यवस्था करती है। जहाँ Loan की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाती है। उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं और मोटरकारों के लिए Finance उपलब्ध करने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। NBFC के कारोबार में तीव्र वृद्धि ने निवेशकों के हितों की रक्षा करने लिए प्रभावी नियामक कार्यवाही की आवश्यकता उत्पन्न कर दी है। इसके लिए RBI ने NBFC की गतिविधियों की नियमित करना प्रारम्भ कर दिया है। Reserve Bank of India द्वारा 3 जनवरी, 2001 को जारी निजी क्षेत्र में नए Bank के प्रवेश सम्बन्धी दिशा-निर्देशों में अच्छे विगत Record वाली साबित हुई।
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एनबीएफसी के प्रकार (Types of NBFC)
इसके के प्रकार निम्नलिखित है:
- Housing Finance Company
- Assest Finance Company
- Mortgage Finance Company
- Investment Company
- Infrastructure Finance Company
- Micro Finance Company
- Housing Finance Company – यह घर के लिए लोन देता है।
- Assest Finance Company – यह संपत्ति से संबंधित लोन देता है।
- Mortgage Finance Company – यह संपत्तियों पर बंधक लोन देती है।
- Investment Company – यह निवेश में सुविधा प्रदान करते हैं ताकि निवेश को आसान बनाया जा सके।
- Infrastructure Finance Company – यह इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंधित काम के लिए लोन देती है।
- Micro Finance Company – यह छोटे लोन प्रभावित कर आती है। जैसे: MSMEs को।
एनबीएफसी के कार्य (Functions of NBFC)
Hire Purchase Services: एक ऐसा तरीका है जिसके माध्यम से Seller Goods के ownership को Transfer किए बिना खरीदार को सामान दे सकता है। Goods का भुगतान installments में किया जाता है। जब Buyer Goods की सभी installments का भुगतान कर देता है, तो Goods का ownership automatically Buyer को Transfer कर दिया जाता है।
Retail Financing: कंपनियाँ उपभोग के उद्देश्यों के लिए shares, gold, property पर ऋण के लिए short term funds देती हैं।
Trade Finance: कंपनियां dealer/distributor finance के साथ काम करती है ताकि वे working capital requirements, vendor finance and और other business loans के लिए पूंजी जूटा सके।
Infrastructure Funding: यह वह सबसे बड़ा स्थान है, जहां एनबीएफसी deal करती है। यह हिस्सा उधार दिए गए पैसों (Money) का बहुत बड़ा हिस्सा है जो कि एनबीएफसी के लिए धन इकट्ठा करता है। इसमें मुख्यता real estate, railways or metro, flyovers, seaports, airports आदि आते हैं।
Asset Management Company: यह वह कंपनियां होती है जिसकी मदद से Equity Share में निवेश किया जाता है। जिससे कि एक अच्छा लाभ प्राप्त हो सके। यह छोटे निवेशकों द्वारा जमा की गई राशि का निवेश करते हैं और उसका प्रबंधन करते हैं।
Leasing Services: यह कंपनियां कभी कभी बड़े कंपनियों और कभी कभी छोटे कंपनियों को Property Provide करती है। यह एक निश्चित समय अवधि के लिए उन्हें दिया जाता है।
Venture Capital Services: यह कंपनियां छोटे व्यवसायों में निवेश करती हैं, जिसकी सफलता दर अधिक है और आने वाले समय में ज्यादा मुनाफा देती है।
Micro Small and Medium Enterprises (MSME): MSMEs हमारी अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी है क्योंकि यह लाखों लोगों की आजीविका का साधन इसलिए सरकार ने MSMEs क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिए अनेक योजनाएं लाई है।
एनबीएफसी के लाभ (Advantages of NBFC)
- Loan और Credit सुविधाएं प्रदान करते हैं।
- Money Market instruments में व्यापार कर सकते हैं।
- Stock और Shares को manage करना।
- बहुत से ऐसे स्थान जहां बैंक नहीं हैं वह एनबीएफसी से उधार ले सकते हैं।
- Finance को देश में Promote करने वाला सबसे बड़ा NBFC हैं।
- Bank की तुलना में एनबीएफसी तीब्र गति से कार्य करते हैं।
- एनबीएफसी ने मोबाइल फोन और इंटरनेट ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया। जिससे सूचना को किसी भी समय कहीं पर आसानी से पहुंचाने में मदद मिले। इससे ग्राहकों को भी बैंकिंग सुविधाएं मिलने में आसानी हुई।
- Digitization से एनबीएफसी को बैंकिंग सुविधाओं को जगह-जगह तक पहुंचाने में सफलता प्राप्त हुई।
- Finance Inclusion को बढ़ावा देने के लिए इसने partnership किया और अपना Database बनाया जिसमें बड़ी संख्या में ग्राहकों तक पहुंचने में सफलता प्राप्त हुई।
एनबीएफसी के नुकसान (Disadvantages of NBFC)
यह demand deposit स्वीकार नहीं कर सकते क्योंकि यह वाणिज्यिक बैंकों के दायरे में आता है:-
- यह Payment and Settlement System का हिस्सा नहीं है यह Cheque जारी नहीं कर सकता।
- एनबीएफसी के पास बैंक के तरह Depositors के लिए deposit insurance facility उपलब्ध नहीं होती है।
- कुछ ही ऐसे एनबीएफसी हैं जो जमा स्वीकार कर सकते हैं, सभी एनबीएफसी जमा स्वीकार नहीं कर सकते।
- एनबीएफसी के लिए Regulatory Body सख्त है।
गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी की भूमिकाएँ (Role of Non Banking Financial Company)
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए RBI द्वारा मान्यता प्राप्त भूमिकाएँ हैं-
- Transport और Infrastructure जैसे क्षेत्रों का विकास।
- ज्यादा से ज्यादा रोजगार लाना।
- पूंजी को बढ़ाने में मददगार साबित होना।
- बड़े स्तर पर आर्थिक विकास करना।
- Economically Weaker Section को पूंजी उपलब्ध कराना।
- राज्य के खजाने को पढ़ाने में मदद करना।
NBFC पूरे देश में फैले हुए हैं, जिनमें RBI के अंतर्गत 13,000 से अधिक Company पंजीकृत हैं। लगभग, 570 एनबीएफसी Public Deposits स्वीकार करने के लिए स्वतंत्र हैं। यह commercial vehicles, passenger Vehicles, multi-use vehicles, construction equipment और consumer goods के लिए Finance की व्यवस्था भी करती है।
Role of NBFC in Economic Development
NBFC निम्नलिखित तरीकों से आर्थिक विकास में सहायता करती हैं –
- यह Savings को Investment में परिवर्तित करता है।
- कंपनी के Share और Stocks को बढ़ाने में मदद करता है।
- एनबीएफसी Long Term Loan देता है।
- Job Creation में सहायता प्रदान करता है।
- Financial Market के विकास में मदद करता है।
- Foreign Exchange को बढ़ाने में मदद करता है।
- सरकार की तरफ से गरीबों की मदद करके गरीबी को खत्म करने में मदद करता है।
भारत के 10 प्रसिद्ध NBFCs के नाम (Non Banking Financial Company in India)
- Power Finance Corporation Limited.
- Shriram Transport Finance Company Limited.
- Bajaj Finance Limited.
- Mahindra & Mahindra Financial Services Limited.
- Muthoot Finance Limited.
- HDB Finance Services.
- Cholamandalam.
- Tata Capital Financial Services Limited.
- L & T Finance Limited.
- Aditya Birla Finance Ltd.
NBFC को निम्न मानदंडों के आधार पर निजी क्षेत्र के Bank बनने की अनुमति:
- इसकी अद्यतन Balance sheet के अनुसार कम-से-कम 200 करोड़ रुपए की निवल संपत्ति होनी चाहिए, जिसे रूपान्तरण की तारीख से तीन वर्षों के भीतर 300 करोड़ रुपए तक बढ़ाया जाना होगा।
- यह किसी बड़े औद्योगिक घराने द्वारा प्रमोट किया हुआ नहीं होना चाहिए अथवा स्थानीय, राज्य अथवा Central Government सहित, सरकारी प्राधिकरणों के स्वामित्वाधीन/ नियन्त्रणाधीन नहीं होना चाहिए।
- इसे पूर्व वर्ष AAA Rating (अथवा इसके समकक्ष) से कमतर Credit Rating प्राप्त नहीं होनी चाहिए।
- NBFC का Reserve Bank of India के विनियमों/निर्देशों के अनुपालन और सार्वजनिक जमाओं की वापसी अदायगी में विगत रिकॉर्ड त्रुटिहीन होना चाहिए
- NBFC के पास कम-से-कम 12% की पूंजी पर्याप्तता होनी चाहिए और इनकी निवल NPA 5% से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- इसके पास कम-से-कम 25 लाख रुपए का Net Owned Fund होना रिजर्व बैंक ने अनिवार्य किया है।
इस मानक को पूरा न करने वाली Non Banking Financial Company को कारोबार करने से प्रतिबंधित करने की घोषणा Reserve Bank ने फरवरी 2003 में की थी।
NBFCs द्वारा सार्वजनिक जमाओं (Deposits) पर अब अधिकतम 11 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ही ब्याज दिया जा सकेगा। अभी तक इसके लिए 12.5 प्रतिशत की उच्चतम सीमा निर्धारित थी। ब्याज की नई उच्चतम सीमा 4 मार्च, 2003 से प्रभावी की गई थी। ब्याज दर की नई उच्चतम सीमा की घोषणा करते हुए रिजर्व बैंक ने कहा था कि कंपनियां (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां) इससे कम ब्याज देने का स्वतंत्र हैं।
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Frequently Asked Questions (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
उत्तर: एनबीएफसी का अर्थ “Non Banking Financial Company” होता है। हिंदी में इसका अर्थ “गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी” होता है।
उत्तर: Companies Act, 1956
उत्तर: 100%
उत्तर: Section 3
Conclusion
दोस्तों मुझे आशा है कि आपको हमारा आर्टिकल NBFC क्या है? गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां क्या है? के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी । अगर आपके मन में इस आर्टिकल को लेकर कोई सवाल है तो आप हमें comment करके बता सकते है। हम आपके प्रश्नों का उत्तर देने का प्रयास करेगे।
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